उत्तर कोरिया ने जिस तरह से मंगलवार को दक्षिण कोरिया में रह रहे विदेशी नागरिकों को अपने वतन लौट जाने को कहा है. उसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं उत्तर कोरिया ने अपनी तरफ से युद्ध की घोषणा तो नहीं कर दी. दुनियाभर के देश खासकर अमेरिका और चीन ने जिस तरह से इस मामले में अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, उससे हालात के बहुत ज्यादा गंभीर होने के संकेत तो पहले से ही मिल रहे हैं. भारत ने भी इस मामले पर करीबी निगाह रखी हुई है. दुनियाभर के देशों की निगाह कोरियाई प्रायद्वीप पर है क्योंकि युद्ध की स्थिति में सभी पर इसका असर पड़ेगा.
कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बीच उत्तर कोरिया ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया में रह रहे विदेशी नागरिकों को अपने वतन लौट जाने को कहा है. सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक एशिया-प्रशांत शांति समिति के एक प्रवक्ता ने सभी विदेशी संगठनों, कंपनियों और पर्यटकों से आग्रह किया है कि युद्ध की स्थिति में उन्हें यहां से निकलने की तैयारी में रहना चाहिए.
शी ने दी चेतावनी
अपने करीबी सहयोगी उत्तर कोरिया की आलोचना करते हुए चीन के नए राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उसे चेतावनी दी है कि किसी को भी इस क्षेत्र को अराजकता में धकेलने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने सभी देशों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है.
उत्तर कोरिया की धमकियों के कारण क्षेत्र में उत्पन्न चिंताओं के मद्देनजर शी ने बोआओ में ‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘किसी को भी क्षेत्र एवं पूरी दुनिया को स्वार्थी फायदों के लिए अराजता में धकेलने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए.’ किसी भी देश का नाम लिए बगैर शी ने कहा, ‘अपने हितों को बढ़ावा देते वक्त एक देश को दूसरों के वैध हितों का भी ख्याल रखना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘हवा और सूरज की रोशनी की तरह शांति से होने वाले लाभ को भी लोग यदा-कदा ही समझते हैं. लेकिन हममें से कोई भी इनके बिना नहीं रह सकता.’ शी ने कहा, ‘कोई देश बड़ा हो या छोटा, मजबूत हो या कमजोर, गरीब हो या अमीर, सभी को शांति कायम रखने तथा इसे बनाए रखने में अपना योगदान देना चाहिए. एक दूसरे के प्रयासों को नुकसान पहुंचाने की बजाय सभी देशों को साझा प्रगति के लिए एक दूसरे का पूरक बनना चाहिए’.
बहुत सावधानी से निगाह रखे है भारत
भारत ने कहा कि वह कोरियाई प्रायद्वीप के हालात पर ‘बहुत सावधानी’ से निगाह रखे है. विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि विदेश मंत्रालय में पूर्व एशिया डिविजन के संयुक्त सचिव गौतम बंबावले अभी-अभी उत्तर कोरिया की यात्रा से लौटे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम समीक्षा करेंगे कि वास्तविक स्थिति क्या है और हमें क्या करने की जरूरत है.’
भारत ने अतीत में उत्तर कोरिया के राकेट प्रक्षेपण के कदम पर यह कहते हुए चिंता जताई थी कि उसकी ‘अवांछित कार्रवाई’ ने ‘कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता पर विपरीत प्रभाव डाला है.’ पिछले हफ्ते भारत ने यह भी कहा था कि इन विश्वव्यापी चिंताओं के बीच प्योंगयांग में विदेशी दूतावासों को खाली करने के उत्तर कोरियाई नोटिस पर उसने ध्यान दिया है कि उत्तर कोरिया बढ़ते परमाणु तनावों के बीच मिसाइल प्रक्षेपण की तैयारी कर रहा है.
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा, ‘भारत ने इस पर ध्यान दिया है और हम अपने दूतावास से संपर्क में हैं. हम समय पर कोई उचित फैसला करेंगे.’
परमाणु परीक्षण से बाज आए उत्तर कोरिया
इससे पहले अमेरिका ने उत्तर कोरिया को चेतावनी दी कि उसे और परमाणु परीक्षण करने या मिसाइल छोड़ने से बाज आना चाहिए. विदेश विभाग के प्रवक्ता पैट्रिक वेंट्रेल ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में बताया, ‘भविष्य में कोई परमाणु परीक्षण करना या मिसाइल छोड़ना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परषिद के प्रस्तावों का सरासर उल्लंघन होगा. इससे और दबाव और अलगाव बढ़ेगा.’
वेंट्रेल ने कहा, ‘इसलिए हम ऐसे कदम को कड़ाई से हतोत्साहित करना चाहेंगे’ उन्होंने उत्तर कोरिया के किसी ताजे परमाणु परीक्षण या मिसाइल छोड़ने की स्थिति में अमेरिका द्वारा उठाए जाने वाले कदम के बारे में बोलने से इंकार किया. उत्तर कोरिया द्वारा 12 फरवरी को तीसरा परमाणु परीक्षण करने और अमेरिका व दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास के बाद कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव अपने चरम सीमा पर है.
उधर दक्षिण कोरिया के एक मंत्री ने सोमवार को कहा कि उत्तर कोरिया चौथे परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है. दक्षिण कोरिया के यूनीफिकेशन मंत्री रयू खिलजी ने संसद में कूटनीति और एकीकरण के मसले पर आयोजित बैठक में सांसदों से कहा, ‘मैं सिर्फ यह कह सकता हूं कि ऐसे संकेत हैं.’
इससे पहले एक सांसद ने एक सूत्र के हवाले से कहा था कि उत्तरी हेम्गयांग प्रांत के पंगई-री स्थित परीक्षण केंद्र में लोगों एवं वाहनों की गतिविधियां बढ़ गई हैं. सांसद ने पूछा था कि कहीं यह चौथे परमाणु परीक्षण का संकेत तो नहीं है. उत्तर कोरिया ने इससे पहले पंगई-री केंद्र पर तीन परमाणु परीक्षण किए हैं. पिछला परीक्षण 12 फरवरी को किया गया था.
क्या दक्षिण कोरिया द्वारा एक खास दूत उत्तरी कोरिया भेजा जाएगा इस सवाल पर रयू ने कहा कि यह बातचीत के जरिए राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने का मंच नहीं है और न ही विशेष दूत तनाव कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं. रयू के मुताबिक दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया से बातचीत का रास्ता खुला रखा है और देश की पार्क ग्युन-हये सरकार बातचीत का रास्ता कभी बंद नहीं करेगी.