प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा ने इतिहास और संस्कृति की नई परिभाषाएं बनानी शुरू कर दी हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सीधा धर्मनिरपेक्षता पर हमला बोल दिया है। इससे असहिष्णुता का वातावरण बना है। दादरी और काशी में जो घटनाएं हुईं, उन पर पड़ा रहस्य का पर्दा अब उठता जा रहा है। मैनपुरी के करहल में उपद्रव के पीछे भी इन्हीं तत्वों का हाथ रहा है।
चौधरी ने कहा कि जिस तरह की बयानबाजी प्रदेश में विपक्षी नेता विशेषकर भाजपा प्रवक्ता कर रहे हैं, उसका उद्देश्य आग पर ठंडा पानी डालना नहीं, उसे और भड़काना है। राजनैतिक दलों को इस मुद्दे पर विचार करने की जरूरत है कि ऐसा माहौल क्यों बनता जा रहा है, जिसमें समुदाय विशेष के लोग खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं?
चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसा माहौल बनने को गंभीर चिंता का विषय मानती है। उसका मानना है कि कानून के राज में सभी की सुरक्षा की गारंटी होनी चाहिए। संविधान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अपने धर्मपालन का जो अधिकार दिया है उसकी रक्षा होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अफवाहें फैलाने पर अब प्रशासन की कड़ी निगाह होगी। सांप्रदायिकता और अराजकता फैलाने में लगे तत्व कानून से बच नहीं सकेंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ऐसे मामलों को लेकर काफी गंभीर हैं।
सपा प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने कार्यकाल में कट्टरवादी तत्वों को बढ़ावा दिया है, जिससे देश के बौद्धिक वर्ग में नाराजगी पैदा हुई है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश गंगा-जमुनी संस्कृति का राज्य है। यहां सभी समुदाय और समाज मिल-जुलकर रहते हैं और साथ-साथ त्योहार मनाते हैं। एक-दूसरे की भावनाओं और आस्थाओं का सम्मान यहां की विशेषता है। समाज में जहर घोलने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी, करारा सबक सिखाएगी।