नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया कि आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी हिंडालको के कार्यालय से बरामद डायरी में दर्ज प्रविष्टियों की जांच की जाए और देखा जाए कि कहीं वे किसी अपराध की ओर संकेत तो नहीं कर रही हैं, और यदि ऐसा है तो इस मामले में काईवाई की जाए।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की पीठ ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “सीबीआई के पास सामग्री आई है और वे कानून के अनुसार कार्रवाई की अपेक्षा रखते हैं।”
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, “ऐसा लगता है कि सीबीआई को खास दस्तावेज मिले हैं। हम ऐसा नहीं कह रहे हैं कि उन दस्तावेजों से किसी अपराध का खुलासा होता है या नहीं। यदि कोई अपराध ऐसा भी पाया जाता है जो कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से संबंधित न हो, तो भी हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह की जानकारी पर सीबीआई कानून के अनुसार और अपराध प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करे।”
सीबीआई को आयकर विभाग द्वारा हिंडालको के कार्यालय की ली गई तलाशी के दौरान बरामद डायरी के विवरण प्राप्त हुए हैं।
न्यायालय ने यह आदेश तब दिया है, जब गैर सरकारी संगठन कॉमन काज की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आश्चर्य जताया कि किसी बेनामी लेन-देन की जांच करने के लिए जांच एजेंसी को न्यायालय की मंजूरी की आवश्यकता क्यों पड़ रही है।