नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। ऊर्जा संबंधी एक विधेयक के खिलाफ देश के 12 लाख बिजली कर्मचारी और अभियंता आठ दिसंबर को एक दिन की हड़ताल करेंगे।
आल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने सोमवार को एक बयान में कहा, “नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) ने बीते साल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए गए ऊर्जा (संशोधन) विधेयक-2014 के खिलाफ आठ दिसंबर को हड़ताल करने का फैसला किया है। इस बारे में निर्णय दिल्ली में एक बैठक में लिया गया।”
बिजली कर्मचारी संगठनों की सभी राज्यों की इकाइयां आठ दिसंबर की हड़ताल को सफल बनाने के लिए नवंबर के महीने में अपने-अपने प्रदेशों की राजधानियों में रैली निकालेंगी, सम्मेलनों का आयोजन करेंगी।
कोच्चि में छह नवंबर को राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक हो रही है। एनसीसीओईईई का इरादा इस बैठक के दिन कोचि में प्रदर्शन का है।
हडताल के नोटिस पर दस्तखत करने वालों में आल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन, आल इंडिया फेडरेशन ऑफ पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स, आल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन और आल इंडिया पॉवर मेन्स फेडरेशन शामिल हैं।
बीते साल लोकसभा में पेश किए गए ऊर्जा विधेयक में बिजली उत्पादन और बिजली वितरण को अलग-अलग करने का प्रावधान है।
इसमें बिजली आपूर्ति के लिए एक से अधिक को लाइसेंस देने की बात भी शामिल है ताकि आम लोगों को बिजली आपूर्ति करने वालों के बीच से चयन करने का मौका मिल सके।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि नए प्रावधानों से कंपनियों की निगाह बिजली वितरण के क्षेत्र में आकर केवल मुनाफा कमाने पर रहेगी। वे ऊर्जा क्षेत्र के विकास और इसमें निवेश के बारे में नहीं सोचेंगी। इससे बिजली की कीमत भी आम उपभोक्ताओं के लिए बढ़ जाएगी।