विभूतिपुर (बिहार), 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार में चुनावी मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और जनता दल-यू, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के महागठबंधन के बीच माना जा रहा है। लेकिन, एक सीट ऐसी भी है जहां दोनों गठबंधनों का मुकाबल वाम मोर्चे से है। यह समस्तीपुर की विभूतिपुर सीट है, जिसे वामपंथियों के दबदबे की वजह से ‘मास्को’ भी कहा जाता है।
विभूतिपुर (बिहार), 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार में चुनावी मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और जनता दल-यू, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के महागठबंधन के बीच माना जा रहा है। लेकिन, एक सीट ऐसी भी है जहां दोनों गठबंधनों का मुकाबल वाम मोर्चे से है। यह समस्तीपुर की विभूतिपुर सीट है, जिसे वामपंथियों के दबदबे की वजह से ‘मास्को’ भी कहा जाता है।
यहां त्रिकोणीय मुकाबला है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के रामदेव वर्मा यहां से चुनाव मैदान में हैं। अगर वह जीते तो यह सातवीं बार होगा जब वह यहां से जीतेंगे।
68 वर्षीय वर्मा 1980 से अब तक 6 बार विभूतिपुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर चुके हैं। उन्हें यहां सिर्फ 1985 और 2010 में हार मिली थी। वर्मा वाम मोर्चे की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं।
वर्ष 1985 में वर्मा को कांग्रेस के चंद्रबली ठाकुर ने और 2010 में जद-यू के रामबालक सिंह ने हराया था।
जद-यू ने इस बार भी रामबालक सिंह को यहां मैदान में उतारा है। पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के रिश्तेदार और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता रमेश राय यहां से राजग के उम्मीदवार हैं।
जद-यू, लोजपा और माकपा, तीनों के प्रत्याशी कुशवाहा बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं और तीनों स्नातक हैं।
स्थानीय निवासी और सरकारी कर्मचारी एस.के.प्रसाद ने आईएएनएस से कहा, “काफी समय बाद विभूतिपुर में त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा है। तीनों ही गठबंधनों का यहां जनाधार है।”
विभूतिपुर में 2.23 लाख मतदाता हैं। कुशवाहा मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। इसके बाद भूमिहारों, राजपूतों और यादवों का नंबर आता है।
पत्रकार संजीव चौधरी ने बताया, “विभूतिपुर में कुशवाहा एकमुश्त वोट डालते हैं। जिस भी प्रत्याशी को समर्थन देते हैं, वही जीतता है। यही यहां होता रहा है। मतदान से पहले ये दाल-भात पार्टी करते हैं और इसी में तय करते हैं कि किसे मत देना है। यही संदेश फिर पूरे समुदाय तक पहुंचाया जाता है।”
लेकिन, चौधरी कहते हैं कि 2014 के लोकसभा चुनाव में यह रुझान बदल गया था।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “अगर लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी कुशवाहा वोट बंट गया तो इससे राजग को फायदा हो सकता है। राजग को भूमिहारों और राजपूतों का भी समर्थन हासिल है।”
विभूतिपुर में सोमवार को मतदाताओं ने पूरे उत्साह से अपने मताधिकार का उपयोग किया। मतगणना 8 नवंबर को होगी।