विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी हालिया रपट में कहा है कि चार अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में इबोला के एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई।
डुजार्रिक ने कहा, “यह खबर हालांकि उत्साहजनक है, लेकिन अब भी जोखिम कायम है।”
खतरनाक इबोला महामारी की शुरुआत साल 2014 में हुई थी, जिस दौरान सिएरा लियोन, लाइबेरिया व गिनी तीन सबसे अधिक प्रभावित देशों में थे।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, तीनों देशों में महामारी की शुरुआत से लेकर चार अक्टूबर तक इबोला के 28,421 लोग इबोला संक्रमण की जांच के दायरे में आए, जिनमें कई लोगों में इस बीमारी की पुष्टि हुई। इस दौरान कुल 11,297 लोगों की इस खतरनाक बीमारी से मौत हो गई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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