नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डॉट) भारतीय एयरटेल से 350 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूलने के लिए बैंक गारंटी में से रकम काटने की तैयारी कर रहा है। अगर कंपनी ने इस जुर्माने का भुगतान नहीं किया तो यह कार्रवाई की जा सकती है। कंपनी पर यह जुर्माना लाइसेंस वाले सर्किलों से बाहर थ्रीजी सेवाएं देने के मामले में लगाया गया है।
डॉट के एक अधिकारी ने कहा कि विभाग के फाइनेंस विंग ने ऐसे विभिन्न बैंकों से संपर्क किया है जिनमें भारती एयरटेल ने बैंक गारंटी जमा की है। शुक्रवार को इन बैकों को एक पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने इन बैंकों के नामों का ब्योरा नहीं दिया है। एयरटेल के पास जिन सर्किलों में 3जी स्पेक्ट्रम नहीं है उनमें भी वह अन्य कंपनियों से समझौता कर सेवाएं उपलब्ध करा रही है। कंपनी की इन सेवाओं को अवैध बताते हुए डॉट ने 15 मार्च को कंपनी पर 350 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। कंपनी को 15 दिन में यह जुर्माना भरने का आदेश दिया गया था। मगर कंपनी इस आदेश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट चली गई। अदालत की एक सदस्यीय पीठ ने उसे सेवाएं बहाल रखने का आदेश दिया जिसके खिलाफ डॉट ने बड़ी बेंच में अपील की। हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने डॉट की दलील स्वीकार करते हुए एयरटेल की सेवाएं रोकने का फैसला दिया।
कंपनी ने अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दायर की है। इस पर सुनवाई सोमवार को होगी। एयरटेल के अलावा डॉट ने इस मामले में वोडाफोन पर 550 करोड़ और आइडिया सेल्युलर पर भी 300 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। विभाग ने इन कंपनियों को आठ अप्रैल तक यह समझौता समाप्त करने को कहा है।
मित्तल पर सुनवाई आज
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में भारती एयरटेल के सीएमडी सुनील भारती मित्तल की अपील पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। 2जी मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने मित्तल को अदालत में पेश होने का समन जारी किया है। मित्तल ने विशेष अदालत के इस कदम को यह कहकर चुनौती दी है कि कंपनी के किसी काम की आपराधिक जिम्मेदारी किसी व्यक्ति पर नहीं डाली जा सकती।