न्यूयॉर्क, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के ‘भारत-विरोधी’ बयान का पुरजोर खंडन किया। उसने खेद जताया कि पाकिस्तान ने ‘एक बार फिर क्षेत्र की चुनौतियों की झूठी तस्वीर और विकृत सच्चाई दिखाने के लिए वैश्विक मंच का दुरुपयोग किया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें सत्र की आम चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव अभिषेक सिंह ने प्रत्युत्तर के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार होने का दावा करता है। वास्तव में यह आतंकवाद को पालने और प्रचारित करने की अपनी स्वयं की नीतियों से पीड़ित है।”
भारत ने पाकिस्तान के उस दावे का खंडन किया है, जिसके अनुसार, ‘जम्मू एवं कश्मीर विदेशियों के कब्जे’ में है। सिंह ने कहा, “कब्जा करने वाला और कोई नहीं पाकिस्तान है। वास्तव में प्रस्तावित चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरीडोर को लेकर भारत की आपत्ति इस वास्तविकता से प्रेरित है कि यह उस भारतीय क्षेत्र से गुजरता है, जिस पर पाकिस्तान ने वर्षो से अवैध कब्जा कर रखा है।”
पाकिस्तान के यह कहने पर कि कश्मीर विवाद अनसुलझा रह गया, सिंह ने कहा, “पाकिस्तान का यह खेद कि जम्मू एवं कश्मीर मुद्दा अनसुलझा रहा गया और हमारी बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई है, एकदम दिखावटी है। और अगर ऐसा है भी तो यह पाकिस्तान द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं की उपेक्षा करने की वजह से है, फिर चाहे यह 1972 का शिमला समझौता हो, 2004 में आतंकवाद से मिलकर निपटने की घोषणा हो, या फिर हाल में उफा में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच बनी सहमति हो। हर मौके पर भारत ने ही दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। भारत आज भी पाकिस्तान के साथ आतंकवाद और हिसा रहित माहौल में प्रमुख मुद्दों को हल करने पर कायम है।”