भगवान् विष्णु के पत्नी होने के नाते इस मंदिर का नाम माता महालक्ष्मी से जोड़ा हुआ है और यहां के लोग इस जगह में महाविष्णु महालक्ष्मी के साथ निवास करते हुए लोक परिपालन करने का विश्वास करते है। श्री महालक्ष्मी मंदिर भारत देश के हिंदू धर्म के अनुसार पुराणों में सूचित किया हुआ विभिन्न शक्ति पीठों मैं एक है और महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है। भारत में स्थित छ: शक्ति पीठों में कोल्हापुर मैं स्थित शक्ति पीठ बहुत ही सुप्रसिद्ध है।
इसी मंदिर के अन्दर नवग्रहों, भगवान सूर्य, महिषासुर मर्धिनी, विट्टल रखमाई, शिवजी, विष्णु, तुलजा भवानी आदी देवी देवताओं को पूजा करने का स्थल भी दिखाई देते हैं। इन प्रतिमाओं में से कुछ 11 वीं सदी के हो सकते हैं, जबकि कुछ हाल ही मूल के हैं। इसके अलावा आंगन में स्थित मणिकर्णिका कुंड के तट पर विश्वेश्वर महादेव मंदिर भी स्थित हैं।
यह मनमोहक मंदिर कोल्हापुर तथा आसपास के हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है। यह मंदिर देवी महालक्ष्मी को समर्पित है। जिन्हें अंबा बाई के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर परिसर में काशी विश्वेश्वर, कार्तिकस्वामी, सिद्धिविनायक, महासरस्वती, महाकाली, श्री दत्ता और श्री राम भी विराजमान हैं। महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण कार्य चालुक्य शासक करनदेव ने 7वीं शताब्दी में करवाया था। बाद में 9वीं शताब्दी में शिलहार यादव ने इसे विस्तार प्रदान किया। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में देवी महालक्ष्मी की 40 किलो की प्रतिमा स्थापित है।