तालिबान द्वारा नेतृत्व को धमकी दिए जाने के मद्देनजर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के शीर्ष नेताओं ने एक आश्चर्यजनक कदम के तहत अर्धरात्रि के बाद सिंध प्रांत स्थित पार्टी मुख्यालय में बंद कमरे में बैठक की।
पिछले पांच साल तक पाकिस्तान का शासन चला चुकी पीपीपी ने पूर्व में नौदेरो, गरधी खुदा बख्श में अपनी एक रैली को रद्द कर दिया था, जहां इसे अपने संस्थापक जुल्फीकार अली भुट्टो की पुण्यतिथि के मौके पर अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करनी थी।
लेकिन बीती देर रात राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनके बेटे तथा पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने एक सभा को संबोधित किया, जो जुल्फीकार अली भुट्टो को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट के मौन के साथ शुरू हुई। जुल्फीकार को 34 साल पहले सैन्य तानाशाह जिया उल हक ने उनका तख्तापलट कर फांसी पर लटका दिया था।
सरकारी पाकिस्तान टेलीविजन को सभा का सीधा प्रसारण करने की अनुमति थी और अन्य मीडिया चैनलों को कवरेज से रोक दिया गया। सभा में पीपीपी का शीर्ष नेतृत्व मौजूद था, जिसमें जरदारी ने कहा कि उनकी पार्टी ने पाकिस्तान में लोकतंत्र को मजबूत किया।
राष्ट्रपति जरदारी ने कहा कि बहुत सी समस्याओं, बाधाओं और आलोचनाओं के बावजूद हमने लोकतंत्र को जीवित रखा और चुनावों के बाद पहली बार सत्ता का शांतिपूर्ण असैन्य हस्तांतरण होगा। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में देश में लोकतंत्र और मजबूत होगा।