लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने गर्मी के मौसम को देखते हुए पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिये जिलेवार नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है। यह नोडल अधिकारी गर्मी के मौसम के दौरान उनके प्रभार के जिलों में नियमित दौरा कर पेयजल व्यवस्था पर नजर रखेंगे। नोडल अधिकारियों को जिलों के दौरे के समय कलेक्टर एवं जन-प्रतिनिधियों से भी मिलने के लिये कहा गया है।
पेयजल व्यवस्था पर नजर रखने के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त।
218 ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में 4500 हेण्डपम्प खनित।
हेण्डपम्प सुधार के लिये स्थायी अमले के साथ 1000 संविदा मेकेनिक की सेवा भी।
प्रदेश में पी.एच.ई. विभाग ने फरवरी माह में एक विशेष अभियान चलाकर शासकीय हेण्डपम्पों का भौतिक सत्यापन करवाया था। प्रदेश में वर्तमान में 4 लाख 78 हजार हेण्डपम्प हैं। इनमें से लगभग 22 हजार ऐसे हैं, जो जल-स्तर नीचे चले जाने के कारण बंद हो गये हैं। तकनीकी रूप से बंद पड़े हेण्डपम्प को सुधारने के लिये जिलों को पर्याप्त सामग्री दी गई है। स्थाई अमले के साथ वर्तमान में संविदा आधार पर 1000 हेण्डपम्प मेकेनिक भी कार्य कर रहे हैं। पेयजल व्यवस्था पर सतत निगरानी के लिये विभाग के जिला कार्यालयों को कन्ट्रोल रूम बनाये जाने के लिये कहा गया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने वर्ष 2012-13 में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था को और सुगम बनाने के लिये 212 ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में 5300 हेण्डपम्प खनन किये जाने की घोषणा की थी। घोषणा के पालन में अब तक 4500 हेण्डपम्प सफलता से खनित किये जा चुके हैं। शेष हेण्डपम्प स्थल की अनुशंसा सही नहीं होने के कारण खनित नहीं हो पाये हैं। इस संबंध में संबंधित विधायकों से चर्चा कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ने बजट सत्र के दौरान वर्ष 2013-14 में भी विधानसभा क्षेत्रों में भी 25-25 हेण्डपम्प खनित किये जाने की घोषणा की है। विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में संबंधित विधायकों से हेण्डपम्प खनन के प्रस्ताव प्राप्त किये जाने के निर्देश दिए गए हैं।