सागर, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक आदिवासी के शव को परिजनों ने इसलिए दफना दिया, क्योंकि उनके पास दाह संस्कार के लिए लकड़ियों के लिए पैसा नहीं था।
सागर जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर है कुडारी गांव। यहीं का निवासी था थोना आदिवासी (50)। उसका परिवार जंगल में लकड़ियां बीनकर अपना जीवन यापन करता है।
थोना की पत्नी सुमंत्रा ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि उसके पति की चार सितम्बर को सरकारी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। मौत के बाद उनके लिए थोना का अंतिम संस्कार करना बड़ी समस्या बन गई। क्योंकि उनके पास इतनी रकम नहीं थी कि वे लकड़ियां खरीदकर अंतिम संस्कार कर सकें। यही कारण था कि थोना को जमीन में दफना दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला तब सामने आया, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हरवंश सिंह राठौर ने थोना की तेरहवी के लिए 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी।
इस मामले के सामने आने पर जिलाधिकारी अशोक सिंह ने बुधवार को आईएएनएस से कहा है कि वह इस मामले की जांच कराने के बाद पंचायत अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
जिलाधिकारी सिंह ने सरकार की योजना का हवाला देते हुए बताया कि “राज्य में गरीब के अंतिम संस्कार के लिए दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता का प्रावधान है। ग्रामीण इलाकों में यह राशि पंचायत और शहरी इलाके में नगरीय निकाय द्वारा मुहैया कराई जाती है। कुडारी में ऐसा क्यों नहीं हुआ, वह इसे देख रहे हैं।”