नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। कोयला घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तलब करने की अर्जी पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का पक्ष अदालत 28 सितंबर को सुनेगी। यह अर्जी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने दायर की है।
विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने मंगलवार को कहा कि कोड़ा की अर्जी पर सीबीआई का पक्ष 28 सितंबर को सुना जाएगा।
पूर्व केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री दासारि नारायण राव ने सोमवार को अदालत से कहा था कि जिंदल समूह को खान का आवंटन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की रजामंदी से हुआ था। इसलिए अदालत को उन्हें तलब करना चाहिए।
राव ने यह बात कोड़ा की अर्जी के समर्थन में कही थी।
कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल के वकील ने कहा था कि वह न तो कोड़ा की अर्जी का समर्थन कर रहे हैं और न ही विरोध।
कोड़ा ने पिछले महीने अर्जी दी थी। इसमें उन्होंने कहा था, “जो चीजें सीबीआई ने पेश की हैं, उसके हिसाब से साजिश, अगर कोई थी तो, तत्कालीन कोयला मंत्री मनमोहन सिंह के शामिल हुए बगैर मुमकिन नहीं थी। पूरे आवंटन में उन्हीं की बात आखिरी होती थी।”
कोड़ा ने तत्कालीन ऊर्जा सचिव आनंद स्वरूप और तत्कालीन खदान सचिव जयशंकर तिवारी को भी सम्मन भेजने का आग्रह किया है। अर्जी में कहा गया है कि ये दोनों अफसर झारखंड सरकार के उस समूह का हिस्सा थे, जिन पर कोयला ब्लाक चाहने वाली कंपनियों की अर्जियों के मूल्यांकन की जिम्मेदारी थी। इन पर समुचित अर्जियों को सरकार के पास भेजने की भी जिम्मेदारी थी।
यह मामला झारखंड के अमरकोंडा मुर्गादंगल कोल ब्लाक का आवंटन जिंदली स्टील और गगन स्पॉन्ज को करने से जुड़ा हुआ है।
कोड़ा, जिंदल, राव के अलावा पूर्व ऊर्जा सचिव एच.सी.गुप्ता भी इस मामले में आरोपी हैं।