013 में हैं 100 से अधिक शुभ मुहूर्त
14 जनवरी, मकर संक्रांति से सूर्य देव उत्तरायण हो गए हैं। सूर्य के उत्तरायण काल में छ: मासपर्यंत किए जाने वाले शुभ कार्यों में भगवान की विशेष कृपा होती है। इसी अवधि में वसंत पंचमी, शिवरात्रि, अक्षय तृतीया तथा भड़ली नवमी जैसे अबूझ मुहूर्त भी आते हैं। चार्तुमास के बाद देव प्रबोधिनी एकादशी से पुनः मांगलिक कार्यों का प्रारंभ हो जाता है।
सालभर में आने वाले शुभ विवाह मुहूर्त :- जनवरी -17, 23, 30, 31। फरवरी -1, 4, 5, 6, 7। मार्च-मीन संक्रांति के कारण मुहूर्त नहीं। अप्रैल -29। मई -11, 12, 13, 18, 20, 21, 26, 27, 28। जून- 2 इसके बाद गुरु तारा अस्त होगा।
जुलाई -11, 13। नवंबर -13 देव प्रबोधिनी एकादशी अबूझ मुहूर्त, 18, 19, 20, 25, 28, 29। दिसंबर- 6, 10 तारीखों पर विवाह शुभ रहेगा।
यज्ञोपवीत :- जनवरी- 16, 23, अप्रैल- 29, मई- 12, 13, 15, 20, 22, 27, 29।
गृह आरंभ मुहूर्त :- जनवरी- 31, मई- 20, 23, 25, 29, नवंबर- 14।
गृह प्रवेश (वास्तु पूजा) :- जनवरी- 17, 18, 23, फरवरी 8, मई- 11, 16, 20, 22, 23, जून- 3, अगस्त- 1, 2, 3, 12, अक्टूबर- 31, नवंबर- 9, 14, 15, 29, 30
चौलकर्म (मुंडन) :- जनवरी- 18, 24, फरवरी- 1, 6, मई- 7, 12, 13, 15, 21, 26।
देव प्रतिष्ठा (सात्विक देव) :- जनवरी- 17, 18, 27, 31, फरवरी- 1, मई 2, 6, 12, 13, 15, 16, 20, 22, 23, 25, 29, जून- 3, जुलाई- (उग्रदेव प्रतिष्ठा) 10, 15, 29, अगस्त- 11, 12, 19, सितंबर- 8, अक्टूबर- 9,12, 23, 31।