महेंद्रगढ़ जिले के कनीना प्रखंड में तो अनेक मंदिर स्थापित हैं जिस कारण यह पूरा क्षेत्र ही देवभूमि प्रतीत होता है। कनीना कस्बे में सामान्य बस अड्डे के पास पावर हाउस व पशु अस्पताल के बीच स्थित बालाजी मंदिर भी अनेक श्रद्धालुओं की आस्था को खुद में समेटे हुए है। यहां पर प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को पूजा-अर्चना के लिए आसपास ही नहीं बल्कि दूर-दूर से आने वाले अनेक भक्तों का तांता लगा रहता है। यहां पर आने वाले श्रद्धालु मंदिर में स्थापित बालाजी की भव्य प्रतिमा के आगे शीश झुकाकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। अनेक श्रद्धालु रामप्रताप पुजारी के सान्निध्य में होने वाली आरती में भी शामिल होकर धन्य होते हैं। मंदिर की देखरेख के कार्यो के लिए मंदिर कमेटी का गठन भी किया गया है।
श्रद्धालुओं का मानना है कि इस बालाजी मंदिर में आकर शीश झुकाकर मांगी गई हर मन्नत पूर्ण हो जाती है तथा बालाजी भक्तों के हर दुख को हर लेते हैं। प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को अनेक श्रद्धालु व्रत रखते हैं तथा बालाजी मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हैं। यहां प्रतिवर्ष हनुमान जयंती पर पावर हाउस कर्मियों द्वारा देसी घी का भंडारा आयोजित कर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है। भंडारे की पूर्व रात्रि को विशाल जागरण भी किया जाता है। पावर हाउस कर्मियों द्वारा निर्मित इस बालाजी मंदिर के बाहर एक चबूतरा भी बना हुआ है जिस पर बैठकर भक्त बालाजी का स्मरण करते हैं। श्रद्धालुओं का यह भी मानना है कि कनीना में 132 केवी उप-केंद्र पर कार्यरत कर्मियों को जोखिम भरा काम करना पड़ता था जहां अनेक दुर्घटनाएं हो चुकी थी और पावर हाउस कर्मी इन दुर्घटनाओं को लेकर चिंतित तथा मायूस थे। इसी बात को लेकर एक दिन सभी कर्मियों ने बैठक कर फैसला लिया कि यहां पर बालाजी का भव्य मंदिर निर्मित किया जाए तथा सबसे पहले मंदिर में पूजा-अर्चना करके ही कार्य पर जाया जाए। वर्ष 1999 में मंदिर निर्माण के लिए सभी पावर हाउस कर्मियों ने चंदा एकत्रित किया तथा निर्माण के बाद वर्ष 2001 में मंदिर का लोकार्पण हुआ। सभी पावर हाउस कर्मी सुबह अपने काम पर जाने से पहले यहां पर पूजा-अर्चना जरूर करते हैं। इस बालाजी मंदिर की स्थापना के बाद यहां पर कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है। यह पावर हाउस कर्मियों की बालाजी के प्रति अपार श्रद्धा ही है कि जब कभी कोई कर्मी सेवानिवृत्त होता है तो वह मंदिर में दान देना नहीं भूलता। बालाजी में आस्था रखने वाले तथा दूर-दराज से यहां पर आने वाले अनेक श्रद्धालुओं का मानना है कि सच्चे मन से बालाजी की आराधना करने से बालाजी उनकी मनोकामना को शीघ्र पूर्ण करते हैं तथा अपने भक्तों के हर दुख-संकट को दूर कर देते हैं।