भोपाल। प्रायवेट बिल्डिंग प्रोजेक्ट की तर्ज पर अब हाउसिंग बोर्ड अपने आवासों की बुकिंग फिक्स रेट पर करेगा। आवासीय प्रोजेक्ट का लेआउट मंजूर होते ही निर्माण में लगने वाले समय के हिसाब से आवासों के मूल्य निर्धारित किए जाएंगे, जिन पर आवंटियों से बुकिंग राशि जमा कराई जाएगी।
मूल्य निर्धारण नीति में विवादों के बाद संशोधन की तैयारी,बोर्ड की नई पॉलिसी भोपाल के कटारा सहित प्रदेश के 45 आवासीय प्रोजेक्ट में लागू की जाएगी.
बोर्ड की नई पॉलिसी भोपाल के कटारा सहित प्रदेश के 45 आवासीय प्रोजेक्ट में लागू की जाएगी। बोर्ड के प्रोजेक्ट में इससे पहले अनुमानित लागत के आधार पर आवास बुक किए जाते रहे हैं। ऐसा करने से आवास का आवंटन करने के दौरान विवाद की स्थिति बनती थी।�
शहर की पॉश हाउसिंग स्कीम रिवेयरा के बंगलों का मूल्य निर्धारण हाउसिंग बोर्ड की इसी नीति की वजह से विवादित बना हुआ है। मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा की नाराजगी के बाद एमडी नीतेश व्यास ने नई पद्धति से मूल्य निर्धारण के लिए सभी उपायुक्तों से प्रस्ताव मांगे थे।
ऐसे तय किए जाएंगे दाम
नई मूल्य निर्धारण नीति के तहत हाउसिंग बोर्ड आवासों की अनुमानित लागत को प्रोजेक्ट पूरा होने की तारीख की अनुमानित महंगाई दर से जोड़कर दाम तय करेगा। प्रोजेक्ट की बुकिंग शुरू होने पर इस दाम पर एडवांस राशि जमा कराई जाएगी और आवंटी को किश्तें अदा करनी होंगी।
आवास के आवंटन की तारीख निकल जाने के पश्चात भी यदि कब्जा प्राप्त नहीं किया जाता है तो आवंटी से 10 प्रतिशत ब्याज वसूल करने का प्रावधान भी लागू किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रोजेक्ट की मंजूरी और निर्माण में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए भी बोर्ड ने पॉलिसी का निर्धारण किया है।
इसके मुताबिक किसी विभाग की आपत्ति आने पर इसका निराकरण करने की जवाबदेही उपायुक्त स्तर के अफसर को सौंपी जाएगी। फिलहाल ये व्यवस्था बाबुओं के भरोसे चलती है जिससे मंजूरी देने वाले प्राधिकरणों में हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट महीनों लंबित रहते हैं।
पत्रिका से