पूर्वोत्तर चीन के हिलान्गजियांग प्रांत के क्विकिहार शहर की पीपुल्स इंटरमीडिएट अदालत ने अपने फैसले में कहा कि युवक का उपनाम क्वी है, जो अपने नाक की सर्जरी से खुश नहीं था, जिसके कारण उसने अपने चिकित्सक सन दोंगताओ को फरवरी 2014 में लोहे के एक रॉड से हमला कर मार डाला।
अदालत ने हमले को संगीन जुर्म करार दिया, जिसका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। लेकिन अदालत ने युवक को मौत की सजा देने से इंकार कर दिया, क्योंकि घटना के वक्त वह नाबालिग था।
क्वी ने तत्काल फैसले के खिलाफ अपील नहीं की।
उल्लेखनीय है कि चीन में इन दिनों मरीजों-चिकित्सकों के रिश्तों में तनाव के कारण चिकित्साकर्मियों पर हमले की घटना में इजाफा हुआ है। चीन में मरीज चिकित्सकों पर परामर्श के दौरान कम समय देने व अत्यधिक दवाएं लिखने का अरोप लगाते रहे हैं, तो चिकित्सक काम के बोझ तले दबे होने, कम वेतन मिलने व मरीजों द्वारा बार-बार उन्हें गलत समझने की शिकायत करते रहे हैं।
पूर्वी चीन के वेनलिंग शहर में साल 2013 में अपनी नाक की सर्जरी के दौरान हुए विवाद से नाराज मरीज ने मई में एक चिकित्सक की चाकू मारकर हत्या कर दी थी, जबकि दो अन्य को घायल कर दिया था। इस मामले में दोषी ठहराए गए युवक को इस साल मई में फांसी दी गई।