भोपाल, 11 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हिंदी सभी को जोड़ने वाली भाषा है। यह सबको एकता के सूत्र में पिरोती है। हिंदी भाषी क्षेत्र में प्रशासन में हिंदी का प्रयोग होना मानवाधिकार है।
भोपाल में चल रहे 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन के दूसरे दिन ‘प्रशासन में हिंदी’ सत्र की अध्यक्षता करते हुए शिवराज ने कहा कि हिंदी के विस्तार के लिए मध्यप्रदेश में जो भी संभव है, वह सब किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन में ऐसी भाषा का उपयोग होना चाहिए, जिसे आमजन भी समझ सकें। इसके लिए प्रदेश के प्रशासन में हिंदी की सरल शब्दावली का प्रयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह स्वयं और उच्चाधिकारी सहित सभी अधिकारी हिंदी का उपयोग करेंगे तथा भारत सरकार से पत्राचार भी हिंदी में होगा। इसी तरह सभी नामकरण, तकनीकी प्राक्कलन भी हिंदी में बनाने और शासकीय दस्तावेज भी हिंदी में प्रकाशित करने के प्रयास किए जाएंगे।
इस मौके पर प्रो़ चंद्रकला पाडिया ने कहा कि कोई देश तभी तरक्की कर सकता है, जब उसकी भाषा अंतर्राष्ट्रीय हो। भाषा संस्कृति की वाहक होती है। उन्होंने कहा कि हिंदी अनुवाद के लिए संदर्भ की जानकारी होना बहुत जरूरी है।
प्रो़ महेंद्रपाल शर्मा ने कहा कि हिंदी का विरोध किसी भी भारतीय भाषा से नहीं है। उन्होंने तकनीक में हिंदी का उपयोग और अभ्यास बढ़ाने पर जोर दिया।
चर्चा में भाग लेते हुए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रो़ बृजकिशोर कुठियाला ने कहा कि अन्य प्रांत से आए गैर हिंदी भाषी अधिकारियों का हिंदी प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए।
इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए हिंदी के विद्वान और हिंदी प्रेमियों ने प्रशासन में हिंदी के उपयोग संबंधी बहुमूल्य सुझाव दिए। सत्र का संचालन हरीश नवल ने किया।