श्रीनगर, 1 सितम्बर (आईएएनएस)। मुहम्मद इकबाल खांडे ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर के मुख्य सचिव का पद छोड़ दिया। अब बड़ा सवाल यह कि राज्य का नया मुख्य सचिव कौन होगा? खांडे के उत्तराधिकारी का चयन राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठजोड़ के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है।
खांडे को नवंबर में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन उन्होंने इससे पहले ही इस्तीफा दे दिया। कहा जा रहा है कि अपने राजनैतिक साहबों से कई मुद्दों पर गंभीर मतभेदों की वजह से ही उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।
खांडे के बाद राज्य में वरिष्ठताक्रम में अरुण कुमार सबसे ऊपर हैं। उनके बाद सोनाली कुमार, अशोक कुमार अंगुराणा, खुर्शीद अहमद और बृज कुमार शर्मा हैं।
विश्वस्त सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि नए मुख्य सचिव का चुनाव करने में सरकार वरिष्ठता क्रम का सख्ती से पालन नहीं भी कर सकती है।
इन्हीं सूत्रों ने बताया कि आम तौर से माना जा रहा है कि मुख्य सचिव पद के सबसे प्रबल दावेदार बृजराज शर्मा हैं। लेकिन, शर्मा के नाम पर सत्तारूढ़ गठबंधन इसलिए बहुत दृढ़ नहीं हो पा रहा है क्योंकि अन्य दावेदारों के लिए भी तगड़ी लॉबिंग हो रही है।
खुर्शीद अहमद गनई इसी साल अक्टूबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जबकि शर्मा का कार्यकाल 2020 तक है।
अरुण कुमार अगले साल दिसंबर में, सोनाली कुमार इसी साल नवंबर में और अशोक कुमार अंगुराणा अगले साल अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
शर्मा की नियुक्ति के पक्ष में सबसे बड़ा तर्क उनके कार्यकाल की बची हुई लंबी अवधि के लिए दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि उनकी नियुक्ति से प्रशासनिक स्थायित्व रहेगा।
कुछ का तर्क है कि सरकार को वरिष्ठता क्रम के आधार पर फैसला करना चाहिए। कई लोग ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि अपनी कश्मीर की राजनैतिक जरूरतों को देखते हुए पीडीपी को खुर्शीद को मुख्य सचिव बनाना चाहिए, भले ही उनका कार्यकाल दो ही महीने का क्यों न हो।
माना जा रहा है कि इस मामले में मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद अंतिम निर्णय लेंगे।