फतेहपुर (उप्र), 29 अगस्त (आईएएनएस/आईपीएन)। पांच साल पहले हुए किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। यह सजा विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट कोर्ट विनोद सिंह राठौर ने सुनाई।
फतेहपुर (उप्र), 29 अगस्त (आईएएनएस/आईपीएन)। पांच साल पहले हुए किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। यह सजा विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट कोर्ट विनोद सिंह राठौर ने सुनाई।
उन्हांेने दूसरे आरोपी के हाजिर नहीं होने के कारण उसके खिलाफ धारा 82 व 83 की कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। दोषी युवक पर तीस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है।
धाता थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली किशोरी आठ जून, 2010 को शाम सात बजे जंगल के लिए अपनी मां के साथ निकली थी। आरोप था कि पहले से घात लगाकर बैठे दो युवकों ने किशोरी को दबोच लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में पीड़िता के भाई ने जाफरी उर्फ जकड़िया व मैकू केसरवानी निवासी कारीकान थाना धाता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट कोर्ट विनोद सिंह राठौर के समक्ष हुई।
अभियोजना अधिकारी राजेंद्र प्रसाद व वादी के अधिवक्ता आर्य प्रकाश सोनकर और बचाव पक्ष के अधिवक्ता को सुनने के बाद न्यायाधीश ने मैकू केसरवानी को दस साल सश्रम कारावास व 30 हजार रुपये अर्थदंड सुनाया। फैसले के समय जाफरी के हाजिर न होने पर उसके खिलाफ 82 व 83 की कार्रवाई के आदेश दिए।