चेन्नई : श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर दबाव बनाते हुए तमिलनाडु विधानसभा ने बुधवार को कड़े शब्दों वाले एक प्रस्ताव को स्वीकार कर केंद्र से श्रीलंका के साथ मित्र राष्ट्र जैसा व्यवहार बंद करने और उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग की। प्रस्ताव के जरिए अलग ‘तमिल ईलम’ के लिए जनमत संग्रह कराये जाने की भी मांग की गई।
मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा लाये प्रस्ताव को विधानसभा ने स्वीकार कर लिया। प्रस्ताव में केंद्र से कोलंबो के खिलाफ तब तक ऐसे सख्त कदम उठाने की अपील की गई है जब तक कि तमिलों का ‘दमन’ नहीं रूक जाता और ‘नरसंहार एवं युद्ध अपराधों’ के लिए जिम्मेदार लोग विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय जांच का सामना नहीं करते।
प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। हालांकि इसके पहले प्रदर्शन कर रहे द्रमुक सदस्यों को विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया ।
प्रस्ताव के जरिए इस बात की मांग की गई कि श्रीलंका में तमिलों के लिए एक अलग ‘तमिल ईलम’ बनाने को लेकर जनमत संग्रह कराने के लिए भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव लाए।
गौरतलब है कि जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि भारत को इस साल नवंबर में कोलंबो में होने जा रही राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक का बहिष्कार करना चाहिए।