इंदौर। सावन के अंतिम सोमवार को मधुमिलन चौराहे से गीता भवन तक अनूठी कावड़ यात्रा निकली। इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों की महिलाएं कावड़ लेकर चलीं। देश के इतिहास में शायद यह पहली ऐसी कावड़ यात्रा है, जिसमें बुर्का पहनकर मुस्लिम महिलाएं कावड़ लेकर चली और भोले बाबा का जलाभिषेक किया। यात्रा में एक ओर जहां भजनों की स्वरलहरियों गूंजी, वहीं दूसरी ओर कव्वाली। कावड़ यात्रा ने एकता और सामाजिक समरसता का संदेश दिया।
पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए यात्रा में
संस्था साझा संस्कृति द्वारा सोमवार को मधुमिलन चौराहा़ स्थित हनुमान मंदिर से कावड़ यात्रा शुरू हुई। यात्रा में मधुमिलन चौराहे पर हनुमान मंदिर से हिंदू महिलाओं ने कावड़ में जल भरा। इसके बाद हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई व पारसी समाज की युवतियां और महिलाएं कावड़ थाम कर एक साथ चलीं। गीता भवन मंदिर पर सभी धर्मों की महिलाओं ने शिवजी का जलाभिषेक किया। यात्रा में हिंदू भाई बहनें पारंपरिक केसरिया वस्त्र, मुस्लिम बहनें पारंपरिक वेशभूषा, बुर्का पहनकर, क्रिश्चियन-पारसी व सिख समाज भी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए।
संस्था साझा संस्कृति द्वारा सोमवार को मधुमिलन चौराहा़ स्थित हनुमान मंदिर से कावड़ यात्रा शुरू हुई। यात्रा में मधुमिलन चौराहे पर हनुमान मंदिर से हिंदू महिलाओं ने कावड़ में जल भरा। इसके बाद हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई व पारसी समाज की युवतियां और महिलाएं कावड़ थाम कर एक साथ चलीं। गीता भवन मंदिर पर सभी धर्मों की महिलाओं ने शिवजी का जलाभिषेक किया। यात्रा में हिंदू भाई बहनें पारंपरिक केसरिया वस्त्र, मुस्लिम बहनें पारंपरिक वेशभूषा, बुर्का पहनकर, क्रिश्चियन-पारसी व सिख समाज भी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए।
सर्वधर्म-समभाव हमारी गंगा जमुनी संस्कृति की पहचान
यात्रा संयोजक सेम पावरी ने कहा कि सर्वधर्म-समभाव हमारी गंगा जमुनी संस्कृति की पहचान है। सामाजिक समरसता का संदेश देने के उद्देश्य को लेकर कावड़ यात्रा निकाली गई। कावड़ यात्रा में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए। यात्रा में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, महापौर मालिनी गौड़, शंकर लालवानी, महेन्द्र हार्डिया, सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, अनवर मोहम्मद खान भी शामिल हुए।
यात्रा संयोजक सेम पावरी ने कहा कि सर्वधर्म-समभाव हमारी गंगा जमुनी संस्कृति की पहचान है। सामाजिक समरसता का संदेश देने के उद्देश्य को लेकर कावड़ यात्रा निकाली गई। कावड़ यात्रा में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए। यात्रा में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, महापौर मालिनी गौड़, शंकर लालवानी, महेन्द्र हार्डिया, सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, अनवर मोहम्मद खान भी शामिल हुए।
यह यात्रा कदम
केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि हमारे देश की प्राचीन संस्कृति को सहेजने का अद्भुत कार्य संस्था साझा सांस्कृतिक ने किया है। सावन के पवित्र माह में देशभर में सैकड़ों कावड़ यात्रा निकली है, लेकिन देश की एकता और सामाजिक समरसता को दर्शाने, हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई का एकरूपता में पिरोने का संदेश देने का कार्य कावड़ यात्रा के माध्यम से किया है। जो सराहनीय है।
bhaskar.com से साभार
केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि हमारे देश की प्राचीन संस्कृति को सहेजने का अद्भुत कार्य संस्था साझा सांस्कृतिक ने किया है। सावन के पवित्र माह में देशभर में सैकड़ों कावड़ यात्रा निकली है, लेकिन देश की एकता और सामाजिक समरसता को दर्शाने, हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई का एकरूपता में पिरोने का संदेश देने का कार्य कावड़ यात्रा के माध्यम से किया है। जो सराहनीय है।
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