बीजिंग: पाकिस्तान के साथ 1,000 मेगावाट क्षमता वाले परमाणु विद्युत संयंत्र का निर्माण करने के समझौते की अप्रत्यक्ष तौर पर पुष्टि करते हुए चीन ने इस सौदे का बचाव किया और कहा कि यह आईएईए के निर्देशों का पालन करता है। उसने समझौते में एनएसजी के नियमों का उल्लंघन करने के आरोपों को खारिज किया।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने कहा, ‘चीन ने संबंधित रिपोर्ट का अध्ययन किया है।’ वह वाशिंगटन की रिपोर्ट पर किए गए सवालों का जवाब दे रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने पाकिस्तान के साथ पंजाब प्रांत के चश्मा में विद्युत संयंत्र लगाने का यह समझौता गोपनीय तरीके से किया है।
समझौते के दौरान परमाणु प्रसरण और व्यापार संबंधी मामलों का नियमन करने वाले 46 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के नियमों का उल्लंघन किए जाने के आरोपों पर होंग ने कहा, ‘मैं यह बताना चाहता हूं कि चीन और पाकिस्तान के बीच इस सहयोग से एनएसजी के नियमों का उल्लंघन नहीं होता है।’ उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में चीन और पाकिस्तान के बीच असैन्य परमाणु सहयोग रहा है।
होंग ने कहा कि सभी सहयोग शांतिपूर्ण उपयोग के लिए हैं और यह सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करता है और आईएईए के सुरक्षा नियमों का पालन करता है।
वाशिंगटन में दो दिन पहले आई खबरों में कहा गया था कि चीन ने हाल ही में चश्मा में नई विद्युत परियोजना बनाने का समझौता किया है।
चीन ने अभी तक पाकिस्तान को चश्मा में चार विद्युत संयंत्र बनाने में मदद की है।