नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के 15 दूत अफ्रीका के अलग-अलग देशों की यात्रा पर जाने वाले हैं। मकसद है तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन (आईएएफएस) के लिए अफ्रीकी नेताओं को औपचारिक निमंत्रण देना। अक्टूबर में होने वाले सम्मेलन के लिए 30 अफ्रीकी देशों को न्योता दिया जा चुका है। 20 अन्य को देना बाकी है।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के 15 दूत अफ्रीका के अलग-अलग देशों की यात्रा पर जाने वाले हैं। मकसद है तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन (आईएएफएस) के लिए अफ्रीकी नेताओं को औपचारिक निमंत्रण देना। अक्टूबर में होने वाले सम्मेलन के लिए 30 अफ्रीकी देशों को न्योता दिया जा चुका है। 20 अन्य को देना बाकी है।
न्योता पा चुके 30 देशों से सकारात्मक संकेत मिले हैं। सरकार को उम्मीद है कि 26 से 30 अक्टूबर तक होने वाले सम्मेलन में 50 अफ्रीकी देश हिस्सा लेंगे। अफ्रीका में कुल 54 देश हैं।
कुछ देशों के लिए सम्मेलन में भागीदारी मुश्किल हो सकती है। तंजानिया और कोट डि आइवायर में उस वक्त राष्ट्रपति चुनाव होने हैं जबकि सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में चुनाव खत्म ही हुए होंगे। गिनी और बुर्कीना फासो में भी नेताओं के सामने 11 अक्टूबर के चुनाव के बाद की व्यस्तताएं होंगी। वैसे उम्मीद है कि तंजानिया के राष्ट्रपति जकाया किकवेते आएंगे क्योंकि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। मोजांबिक के राष्ट्रपति खुद न आकर अपने प्रधानमंत्री को भेज सकते हैं।
54 अफ्रीकी राष्ट्रों में सिर्फ लीबिया को ही उसके राजनैतिक और सुरक्षा हालात की वजह से छोड़ा जा रहा है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अगले हफ्ते मिस्र जाकर राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सिसी से मुलाकात कर सकती हैं। इससे पहले भी भारत की तरफ से मिस्र के राष्ट्रपति को न्योता दिया जा चुका है।
1983 में गुट निरपेक्ष सम्मेलन और राष्ट्रमंडल सम्मेलन के बाद तीसरा आईएएफएस भारत में वह पहला सम्मेलन होगा जिसमें इतनी बड़ी संख्या में विदेशी नेता हिस्सा लेंगे।