भोपाल-भोपाल शहर से पिछले दिनों गायब होते बच्चों का सिलसिला थम नहीं रहा है.नए कप्तान के आते ही रोजाना पिकेट लगा कर वाहनों की चेकिंग की आड़ में वसूली का धंधा करती भोपाल पुलिस अब सड़कों से गायब है.गश्त और गुप्तचर तंत्र के भी हाल लचर बने हुए हैं.
मात्र एक गायब बच्ची बरामद हुई वह भी भोपाल के एक जागरूक नागरिक जो पेशे से पत्रकार हैं उन्हें मिल गयी थी वर्ना उसका भी वही होता जो बाकी बच्चों का हुआ उसका फोटो भी गुमशुदा बच्चों के सूचना पटल पर लगा हुआ होता.
तेजी से फैलता भोपाल शहर और उसकी जिम्मेदारियों पर स्थानीय नेताओं का कोई ध्यान नहीं है.भोपाल से ही इस प्रदेश के गृह-मंत्री आते है लेकिन प्रदेश की पुलिस व्यवस्था उसी ढर्रे पर चली आ रही है.