नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में पुरुषों और महिलाओं के बीच एक नई तरह की ‘जंग’ छिड़ती नजर आ रही है। एक ट्रेन में यात्रा के मुद्दे पर बुधवार को दोनों पक्षों में फिर से झड़प हो गई। बीते तीन दिन में यह दूसरी झड़प है।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में पुरुषों और महिलाओं के बीच एक नई तरह की ‘जंग’ छिड़ती नजर आ रही है। एक ट्रेन में यात्रा के मुद्दे पर बुधवार को दोनों पक्षों में फिर से झड़प हो गई। बीते तीन दिन में यह दूसरी झड़प है।
महिलाओं का कहना है कि मातृभूमि लेडीज स्पेशल ट्रेन उनकी है। खास तौर से उन्हीं के लिए चलाई गई है। इसमें किसी दूसरे लिंग के लोग नहीं यात्रा कर सकते।
पुरुष मुसाफिरों का कहना है कि रेलवे ने मातृभूमि स्पेशल ट्रेन के तीन डिब्बों पर ‘जनरल’ लिखा हुआ है। इससे साफ है कि इसमें कोई भी यात्रा कर सकता है। बावजूद इसके महिलाओं ने दो पुरुषों को धक्का देकर ट्रेन से गिरा दिया।
पुरुष यात्री इसके विरोध में ट्रैक पर बैठ गए और रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया।
उधर उत्तरी 24 परगना के पांच स्टेशनों पर महिला मुसाफिरों ने रेलवे ट्रैक पर धरना देकर रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया। महिलाएं लेडीज स्पेशल ट्रेन की कुछ बोगियों पर ‘जनरल’ लिखे जाने से नाराज थीं।
रेलवे ट्रैक पर इन धरनों ने सुबह आफिस जाने के समय पांच घंटे तक रेलगाड़ियों का आवागन रोके रखा।
सोमवार को सियालदह-रानाघाट खंड पर खरदहा रेलवे स्टेशन पर पुरुष और महिला मुसाफिरों के बीच झड़प में कुछ पुलिसवालों समेत 20 लोग घायल हो गए थे। इसी खंड के बिराती में महिलाओं ने पुरुषों के साथ धक्का-मुक्की की थी, उनके साथ मारपीट की थी। उनकी मांग डिब्बों को सामान्य वर्ग से हटा कर उन्हें भी पहले की तरह महिलाओं के लिए आरक्षित करने की थी। कई स्टेशनों पर पुरुषों और महिलाओं के बीच जुबानी जंग भी हुई।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब रेल अधिकारियों ने इस लेडीज स्पेशल ट्रेन की तीन बोगियों को जनरल घोषित कर इनमें पुरुषों को यात्रा करने की इजाजत दे दी।
पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता का कहना है कि यह ट्रेन क्षमता से कम मुसाफिरों को ढो रही थी। इसीलिए यह कदम उठाया गया। इसके अलावा कई महिला मुसाफिरों ने ऐसे डिब्बे लगाने की मांग की थी जिनमें वे अपने पुरुष रिश्तेदारों के साथ सफर कर सकें।