शंघाई कंपोजिट इंडेक्स बुधवार को 1.23 फीसदी तेजी के साथ 3,794.11 पर बंद हुआ। सुबह के कारोबार में सूचकांक में पांच फीसदी से अधिक गिरावट देखी गई थी।
एक दिन पहले मंगलवार को शंघाई सूचकांक में 6.1 फीसदी गिरावट रही थी और यह 3,749.12 पर बंद हुआ था। यह गत तीन सप्ताह में सबसे बड़ी गिरावट थी। इससे पहले तीन दिन लगातार बाजार में तेजी रही थी।
बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बीच पिछले कुछ दिनों में बाजार को संबल देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
पहले तो गत एक साल में शंघाई सूचकांक में 150 फीसदी तेजी दर्ज की गई, लेकिन उसके बाद जून के ऊपरी स्तर को छूने के बाद एक महीने से भी कम अवधि में बाजार में 30 फीसदी से अधिक गिरावट दर्ज की गई थी।
सरकार ने बाजार को थामने के लिए किसी भी कंपनी के प्रमुख शेयरधारकों द्वारा शेयरों की बिकवाली करने पर रोक लगा दी है। साथ ही शॉर्ट सेलिंग पर भी सख्त कार्रवाई कर रही है।
हैतोंग सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक शुन युजेन ने कहा कि इस उपायों से हालांकि बाजार में स्थिरता आई है, लेकिन निवेशकों में यह चिंता समा गई है कि सरकार रेस्यू फंड को बाजार से खींच सकती है। इस भय से एक बार फिर बाजार में अस्थिरता व्याप्त हो गई है और सूचकांक में गिरावट देखी जा रही है।