पुणे, 19 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र पुलिस ने पिछली रात पुणे स्थित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) परिसर में प्रदर्शन कर रहे पांच छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने गिरफ्तार छात्रों पर दंगा करने, संस्थान की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित कई मामले दर्ज किए हैं।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने सोमवार को संस्थान के निदेशक प्रशांत पाथराबे और दूसरे कर्मचारियों को उनके कार्यालय में आठ घंटों से बंधक बनाकर रखा था और कार्यालय में तोड़फोड़ भी की थी, जिसके बाद मंगलवार रात पांच छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रदर्शनकारी छात्र 24-25 की संख्या में जुटकर 2008 बैच के परियोजना मूल्यांकन को तर्कहीन और अनुचित बताते हुए इसका विरोध कर रहे थे और परियोजना मूल्यांकन रद्द किए जाने की मांग कर रहे थे।
एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, “प्रदर्शनकारी छात्र पाथराबे के कार्यालय में नारे लगा रहे थे। उन्हें बलपूर्वक कार्यालय में रोके रखा, फोन लाइन काट दिए और कार्यालय में रखे कंप्यूटर में तोड़फोड़ की। कर्मचारियों को छोड़ने के बदले छात्र परियोजना मूल्यांकन को रद्द करने की मांग कर रहे थे।”
प्रदर्शनकारी छात्रों पर संस्थान के अधिकारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप है। पाथराबे को घेरकर प्रदर्शनकारी छात्र उनसे एक के बाद एक सवाल पूछ रहे थे और साथ ही ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद, अरुण जेटली मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे थे।
इस घटना के बाद पाथराबे ने मंगलवार को डेक्कन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले में 15 छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। रात 12.45 बजे एक पुलिस दल को एफटीआईआई परिसर भेजा गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि रात करीब दो बजे परिसर से पांच छात्रों को विभिन्न आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया, जिन्हें आज (बुधवार) मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।
पुलिस दल दूसरे छात्रों की तलाश में जुटा है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस यकीन है कि ये छात्र संस्थान परिसर में ही छिपे हैं।
उल्लेखनीय है कि एफटीआईआई के विद्यार्थी करीब ढाई महीनों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्य एवं टेलीविजन अभिनेता गजेंद्र चौहान को संस्थान का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने का विरोध कर रहे हैं।