नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने नीतीश कटारा हत्याकांड में सोमवार को विकास यादव और सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को दोषी बरकरार रखा, लेकिन सजा कितनी हो, इस पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने विकास और पहलवान के वकीलों से कहा, ” सजा कितनी हो, इस पर हम आपको रियायत दे सकते हैं।”
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कटारा की हत्या के लिए विकास यादव को 30 साल के कारावास की सजा सुनाई हुई है। इसमें 25 वर्ष हत्या के लिए और पांच वर्ष सबूत नष्ट करने के लिए है।
सुखदेव यादव को भी उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और वह बगैर किसी माफी के 20 वर्ष कारावास की सजा काट रहा है।
सजा पर जारी नोटिस पर सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।
आईएएस अफसर के बेटे नीतीश कटारा की हत्या विकास यादव, विशाल यादव और सुखदेव पहलवान ने 16-17 फरवरी, 2002 की रात को की थी। विकास और विशाल अपनी बहन के नीतीश के साथ प्रेम प्रसंग से नाखुश थे।