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 बाबा की नगरी रंग गुलाल से भीगने को आतुर | dharmpath.com

Monday , 25 November 2024

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बाबा की नगरी रंग गुलाल से भीगने को आतुर

banarashवाराणसी। रंगभरी एकादशी पर गौरा-शिव के भाल पर गुलाल क्या लगा, काशी का कण-कण और कोना-कोना रंग-गुलाल में भीगने को अकुला उठा है। प्रीत के त्योहार में अभी तीन दिनों की दूरी है लेकिन काशी और उसके वासियों पर अभी से होलियाना रंग चढ़ने लगा है। ढोल की थाप पर फागुनी बयार मन मिजाज को रंगीन बनाने लगा है। धरती से लगायत अंबर तक रंगों के छींटे घुलने लगे हैं। सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाएं रंगोत्सव में डूबने लगे हैं। गुलाल के हुड़दंग के साथ ठंडई, भांग, मघई पान का दौर शुरू हो गया है।

श्री काशी संगीत समाज ने रविवार को रथयात्रा स्थित दाउजी उपवन में फागुनी रंग में सराबोर महफिल सजाई। स्व. मुरारीलाल केडिया व स्व. मदनमोहन दास मऊवाले की जन्मशताब्दी पर आयोजित इस महफिल को कैराना घराना की शास्त्रीय गायिका श्रीमती सोनिया रॉय ने फागुनी रंग से रंग दिया। श्रीमती रॉय ने गायन की शुरुआत पूरबिया कल्याण विलंबित एकताल में आज सो बना.और द्रत तीन ताल में मेरे घर आना. से शुरू कीं। तीनताल द्रुत में-लागि लगन सतिपति संग.क्या सुनाया स्त्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। इसके बाद फरमाइश पर राग वसंत तीन ताल बंदिश में-फागवा ब्रज देखन को चलो री.पेश की। ठंडई, भांग और मघई पान के दौर के बीच यह महफिल घंटों फागुनी बयार में डूबी रही। तबले पर किशन व हारमोनियम पर जमुनावल्लभदास गुजराती ने संगत किया। संस्था के अध्यक्ष काजू बाबू ने दीप प्र”वलित कर कार्यक्त्रम का शुभारंभ किया। स्वागत राजेश जैन और संचालन केके रस्तोगी ने किया।

भारत विकास परिषद शिवा की ओर से महमूरगंज रोड स्थित एक रेस्टोरेंट के सभागार में होली मिलन एवं दायित्व ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। समारोह में आए सदस्यों ने ठंडई, भांग का आनंद लिया। गिले-शिकवे भूल एक दूसरे को गुलाल से सराबोर किया और गले मिले। इसके बाद पदग्रहण की प्रक्त्रिया शुरू हुई। मुख्यअतिथि दीनानाथ झुनझुनवाला ने भारतीय संस्कृति, परंपराओं को साथ लेकर संस्था के कार्यक्त्रमों को आगे बढ़ाने का आ ान किया। संस्था के अध्यक्ष एससी बागला ने सबको साथ लेकर कार्यक्त्रमों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस मौके पर अनूप अग्रवाल, रवि जायसवाल, घनश्याम वियाणी आदि ने विचार रखे।

जन कल्याण परिषद की ओर से लहुराबीर में रंगभरी काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर नरोत्तम शिल्पी, सिद्धनाथ शर्मा, भोलानाथ त्रिपाठी, दीपक कुमार शर्मा, डॉ. जयशंकर, इंद्रजीत निर्भीक आदि ने रचनाओं के माध्यम से स्त्रोताओं को खूब गुदगुदाया। इसके पूर्व परिषद के अध्यक्ष गंगा सहाय पांडेय ने आगंतुकों का स्वागत किया।

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