कोलंबो, 17 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीलंका में संसदीय चुनाव के लिए मतदान सोमवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। देश भर में लगभग 70 फीसदी मतदान हुआ। पिछले बार की तुलना में इस बार मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया। मीडिया रपट से यह जानकारी मिली।
देशभर में 12,000 मतदान केंद्रों पर करीब 1.5 करोड़ मतादाताओं में से लगभग 70 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
चुनाव में 60 राजनीतिक दलों तथा 100 स्वतंत्र समूहों ने हिस्सा लिया, जो संसद के 225 सदस्यों का चुनाव करेंगे।
समाचार वेबसाइट ‘डेली मिरर’ के मुताबिक, आमपाड़ा जिले में 65 फीसदी, गामपाहा जिले में 70-78 फीसदी, अनुराधापुर में 65-70 फीसदी, रतनपुरा जिले में 72 फीसदी, मतारा जिले में 70 फीसदी, जबकि मताले जिले में 65 फीसदी मतदान हुआ।
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने सत्ता में आने के छह महीने बाद ही संसद को भंग कर जून महीने में संसदीय चुनाव आयोजित कराने की घोषणा की थी।
चुनाव में मुख्य मुकाबला युनाइटेड नेशनल फ्रंट (यूएनएफ) गठबंधन एवं विपक्षी युनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) के बीच था।
यूएनएफ का नेतृत्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे कर रहे हैं, जबकि यूपीएफए के नेता पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे हैं। राजपक्षे यूपीएफए के प्रमुख उम्मीदवार के रूप में कुरुनेगाला से चुनाव मैदान में थे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रपट के मुताबिक, मतदान करने के लिए राजधानी कोलंबो पहुंचे विक्रमसिंघे ने विश्वास जताते हुए कहा कि उनका गठबंधन चुनाव में विजयी होगा व अगली सरकार का गठन करेगा।
मतदान करने के बाद विक्रमसिंघे ने कहा, ” यह चुनाव कानूनी मानदंडों तथा लोकतांत्रिक मानदंडों दोनों ही आधार पर निष्पक्ष एवं स्वतंत्र है।”
‘डेली मिरर’ के मुताबिक, मतपेटियों को मतगणना केंद्रों पर ले जाया जाएगा। मतगणना की शुरुआत डाक मतपत्रों की गिनती से होगी। मतदान के परिणाम मध्यरात्रि तक घोषित कर दिए जाएंगे।
सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के मतदान केंद्रों तक बिना किसी बाधा के पहुंचने के लिए एक्सप्रेसवे को टोल फ्री कर दिया गया था।
चुनाव पर्यवेक्षकों ने बताया कि सोमवार सुबह सात बजे शुरू हुआ मतदान शांतिपूर्ण रहा है और देश के किसी भी हिस्से से हिंसा की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई।
पुलिस ने हालांकि बताया कि सबरगामुआ प्रांत के रामबुक्काना जिले में मतदान केंद्र के पास एक उम्मीदवार के नम्बर वाली पर्ची बांटते दो लोगों को हिरासत में लिया गया।
देश भर में 75,000 पुलिस अधिकारियों और विशेष कार्य बलों को कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया था। इसके अलावा 50 विदेशी पर्यवेक्षक मतदान केंद्रों में निगरानी के लिए मौजूद थे।