रिटायर्ड न्यायाधीश मीर हजार खोसो को पाकिस्तान का कार्यवाहक प्रधानमंत्री नामित किया गया.
देश के निर्वाचन आयोग द्वारा नामित खोसो देश में 11 मई को होने वाले आम चुनाव संचालित कराएंगे.
न्यायाधीश खोसो बेहद ईमानदार और बेहद सम्मानित हस्ती हैं.
84 वर्षीय खोसो बलूचिस्तान प्रांत के जाफराबाद जिले में गोठ आजम खान खोसा से ताल्लुक रखते हैं और वह बलूचिस्तान उच्च न्यायालय तथा संघीय शरिया अदालत, दोनों के मुख्य न्यायाधीश पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता तथा संसदीय समिति की छह दिन की लंबी चर्चाओं के बावजूद कार्यवाहक प्रधानमंत्री का फैसला कर पाने में विफल रहने पर मामले को शुक्र वार की रात पांच सदस्यीय निर्वाचन आयोग के सुपुर्द कर दिया गया था.
दो दिन के विचार-विमर्श के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त फकरूद्दीन जी इब्राहिम ने आज दोपहर बाद ऐलान किया कि आयोग ने खोसो को यह जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है.
उन्होंने बताया कि आयोग के एक सदस्य ने इस पर विरोध जताया था.
मुख्य विपक्षी पार्टी पीएमएल एन द्वारा पंजाब प्रांत से नामित सदस्य ने खोसो की उम्मीदवारी का विरोध किया.
पीएमएल एन ने इससे पूर्व खोसो के बारे में आपत्ति जाहिर की थी. पार्टी का कहना था कि उन्हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का करीबी माना जाता है जो देश की निवर्तमान सरकार की मुखिया है.
कार्यवाहक प्रधानमंत्री के संभावित उम्मीदवारों की सूची के चार नामों में खोसो शामिल थे.
पीपीपी तथा उसके सहयोगी दलों ने जहां खोसो और बैंक इशरत हुसैन को नामित किया था तो वहीं पीएमएल एन ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश नसीर असलम जाहिद और सिंधी राजनेता रसूल बक्श पालेजो का नाम आगे बढ़ाया था.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त इब्राहिम ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमने उम्मीदवारों के नामों पर विस्तार से और धीरे-धीरे विचार किया क्योंकि यह बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है. यह सज्जन हमारे साथ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराएंगे.’’
कराची विविद्यालय से विधि स्नातक खोसो को 1977 में बलूचिस्तान हाई कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.
उन्होंने 1990-1991 के बीच हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद और 1994 में संघीय शरिया अदालत के मुख्य न्यायाधीश पद की कमान संभाली.
खोसो की पहली राजनीतिक नियुक्ति बलूचिस्तान के कार्यवाहक गवर्नर के रूप में की गयी थी. गवर्नर मोहम्मद मूसा की 1991 में मौत के बाद उन्होंने तीन महीने तक इस पद पर अपनी सेवाएं दीं.
कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद पर नियुक्ति से पूर्व वह बलूचिस्तान की जकात कौंसिल के अध्यक्ष थे.
खोसो का एक बेटा अमजद खान खोसो इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी से जुड़ा हुआ है जबकि दूसरे बेटे मेहराब खान खोसो वर्ष 2008 में पिछले चुनाव में पीपीपी के टिकट पर बलूचिस्तान असेम्बली के सदस्य चुने गए थे.
अपने लंबे न्यायिक कैरियर के दौरान खोसो का किसी विवाद से कोई नाता नहीं रहा है.
वह बलूच राष्ट्रवादी नेताओं के बीच भी बेहद सम्मानित हैं और विश्लेषकों का मानना है कि इससे उन्हें अलगावादी तत्वों को भी चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने को राजी करने में मदद मिलेगी.