द्वितीय विश्वयुद्ध की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर अबे ने जारी अपने बयान में कहा, “जापान ने युद्ध के दौरान अपने कृत्यों के लिए लगातार पश्चाताप और संवेदना जारी की है और इसके लिए माफी भी मांगी है। देश की पिछली सरकारों ने ऐसा किया है, जो भविष्य में अविचल रहेगा।”
उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि जापान को अपनी भावी पीढ़ियों को माफी के लिए तैयार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के लिए आक्रामकता और युद्ध का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए और जापान हमेशा के लिए औपनिवेशिक शासन छोड़ देगा। हालांकि उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध से पहले और इसके दौरान जापान की आक्रामकता और औपनिवेशिक शासन का उल्लेख नहीं किया।
गौरतलब है कि 1995 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री तोमीची मुरायामा ने अपने ऐतिहासिक बयान में प्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया था कि जापान ने अपने औपनिवेशिक शासन के जरिए गलत राष्ट्रीय नीति का पालन किया, जिससे विशेष रूप से एशियाई देशों सहित कई देशों के लोगों को भारी यातना से गुजरना पड़ा और उन्हें भारी क्षति पहुंची।