कोच्चि, 11 अगस्त (आईएएनएस)। साइरन की तेज और लगातार होने वाली आवाज के साथ एंबुलेंस के दौड़ने के साथ ही कोच्चि का यातायात ठहर गया। एंबुलेंस को रास्ता दिया गया, जिसमें धड़कता दिल और फेफड़ा रखा हुआ था।
यह दिल और फेफड़ा दिमागी रूप से मृत एक व्यक्ति का था और किसी की जिंदगी बचाने के काम आ गया। चार घंटे की सर्जरी के बाद एक व्यक्ति को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया था। चेन्नई से आई चिकित्सकों की एक टीम ने इस आदमी के ह्रदय और फेफड़े को संरक्षित किया। इसे चेन्नई में एक रोगी की जिंदगी बचाने में इस्तेमाल करना था।
एंबुलेंस में चिकित्सक शरीर के इन दोनों अंगों के साथ सवार हुए और आनन-फानन में एंबुलेंस हवा से बातें करने लगी। इसे रास्ता देने के लिए यातायात को रोक दिया गया। लेकशोर नामक अस्पताल से हवाईअड्डे तक पहुंचने में आम तौर से एक घंटा लगता है लेकिन यह एंबुलेंस 20 मिनट में ही हवाईअड्डे पहुंच गई।
कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के निदेशक ए.सी.के.नायर ने बताया, “हमने मेडिकल टीम के लिए सभी जरूरी औपचारिकताएं पहले ही पूरी कर ली थी। टीम दान किए गए इन अंगों के साथ चार्टर्ड उड़ान से रवाना हो गई।”
एक घंटे के अंदर यह उड़ान चेन्नई पहुंच गई।