नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में पुनर्जीवन के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं, हालांकि विकास की गति अभी धीमी है।
सीआईआई एसोसिएशंस काउंसिल (एस्कॉन) के अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स ने यहां इस विषय पर एक सर्वेक्षण जारी करते हुए एक बयान में कहा, “मुख्य बात यह है कि ऐसे कम क्षेत्र हैं, जिनमें गिरावट चल रही है।”
अप्रैल-जून तिमाही के लिए एस्कॉन के इस सर्वेक्षण में विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग संघों से जवाब जुटाए गए हैं। इसमें उत्पादन में एक साल पहले के मुकाबले थोड़ी तेजी दर्ज की गई है।
93 क्षेत्रों में से 16.1 फीसदी क्षेत्रों में 20 फीसदी अधिक विकास रहा है, जबकि एक साल पहले यह 7.1 फीसदी था।
10-20 फीसदी विकास दर्ज करने वाले क्षेत्रों का अनुपात घटकर 9.7 फीसदी रहा, जो एक साल पहले 14.3 फीसदी था।
सर्वेक्षण में सभी क्षेत्रों को चार विकास श्रेणियों में रखा गया -उत्कृष्ट (20 फीसदी से अधिक), अधिक (10-20 फीसदी), कम (शून्य-10 फीसदी) और नकारात्मक विकास (शून्य फीसदी से कम)।
शून्य से 10 फीसदी विकास दर्ज करने वाले क्षेत्रों का अनुपात भी मामूली घटकर 51.7 फीसदी रहा, जो पहले 51.8 फीसदी था।
नकारात्मक विकास दर्ज करने वाले क्षेत्रों का अनुपात भी 26.9 फीसदी से घटकर 23.6 फीसदी रह गया।
विकास को बाधित करने वाले कारणों के बारे में परिसंघ ने कहा है, “50 फीसदी से अधिक प्रतिभागियों ने कड़ी प्रतियोगिता, आयात से मिल रही प्रतियोगिता, बिजली की किल्लत, उच्च नियामकीय दबाव, घरेलू और निर्यात मांग की कमी, दक्ष श्रम और प्रतिभा की कमी और उच्च कर को विकास बाधित करने वाले दबावों के कारण बताए हैं।”