कुआलालंपुर, 9 अगस्त (आईएएनएस)। मलेशिया में एक ऐसे तेल को बनाने में कामयाबी मिली है जिसकी एक ही मात्रा में बार-बार, 80 बार तक खाना बनाया जा सकता है। ताड़ का तेल और जड़ी बूटियों से लिए गए रस से बनने वाला यह तेल दिल की बीमारियों और कैंसर के खतरे को भी घटाने वाला साबित हो सकता है।
मलेशिया के पुत्रा विश्वविद्यालय के शोध करने वालों की टीम ने ताड़ का तेल (पाम ऑयल) और रुटेसी नाम की जड़ी बूटी से बनने वाले इस तेल को ‘एएफडीएचएल कुकिंग ऑयल’ वैज्ञानिक नाम दिया है।
यह तेल तले हुए खाने में तेल की मात्रा को अन्य तेलों की तुलना में 85 फीसदी कम कर देता है। इससे दिल की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
शोध का नेतृत्व करने वाली सुहैला मोहम्मद ने विश्वविद्यालय की तरफ से जारी अपने बयान में यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा है, “रुटेसी जड़ी से निकलने वाला रस प्राकृतिक रूप से एंटीऑक्सीडेंट से संपन्न होता है। यह गुण इस तेल को नष्ट होने से बचाता है। इसके साथ ही इस तेल को बरबाद होने से भी बचाया जा सकता है क्योंकि इसके एक ही तेल की मात्रा को 80 बार तक इस्तेमाल किया जा सकता है।”
सुहैला ने बताया कि यह तेल एंटीऑक्सीडेंट से संपन्न है। एंटीबैक्टीरियल है। एलर्जी से बचाने में काम आने वाले एंटीहिस्टमीन से युक्त है जो तले हुए खाने के स्वाद और गुण को न सिर्फ खराब होने से बचाता है बल्कि सेहत के लिए भी कम नुकसानदेह होता है।
उन्होंने बताया कि समान्य रूप से खाना बनाने के लिए इस तेल की 15 मिली लीटर की मात्रा काफी होगी।