नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। नागालैंड के मुख्यमंत्री का कहना है कि केंद्र और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालैंड (आईएम) के बीच हुआ करार दशकों से चली आ रही नागा समस्या के समाधान का महज एक फार्मूला है। समझौते की सही तस्वीर साल के अंत तक ही सामने आ सकेगी।
नागालैंड के मुख्यमंत्री टी.आर. जेलियांग ने यह बात प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी से मुलाकात के बाद कही।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि नागा समझौता लंबे समय से चले आ रहे इस मसले को हल करने के लिए बना एक फार्मूला है। यह मसले को हल करने की एक शुरुआत है।”
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री नागा समस्या के हल के लिए कृतसंकल्प हैं। यह महत्वपूर्ण है कि समझौते का आधार नागा संस्कृति और इसके अनूठे इतिहास को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है। यह महत्वपूर्ण है कि इसमें किसी तरह का राजनैतिक असर हावी नहीं है। “
समझौते के दायरे में अन्य नागा संगठनों को भी लाने की कोशिश हो रही है।
जेलियांग ने आईएएनएस से कहा, “राज्य के नागरिकों का एक 16 सदस्यीय दल एनएससीएन (खापलांग गुट) से मुलाकात करने म्यांमार जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय से इसके लिए मंजूरी मिल चुकी है। दल में नागा लोगों की संस्था नागा होहो और एक अन्य समूह के सदस्य होंगे। जरूरत पड़ी तो अन्य गुटों से भी संपर्क कर उन्हें शांति प्रक्रिया का हिस्सा बनाने की कोशिश की जाएगी।”
जेलियांग ने कहा कि नागा समझौते की अंतिम शक्ल साल के अंत तक सामने आने की उम्मीद की जा सकती है।
उन्होंने नागालैंड के पड़ोसी राज्यों के इस आरोप को गलत बताया कि समझौते से पहले उनकी राय नहीं ली गई।
जेलियांग ने कहा, “सलाह लेने और सक्रिय रूप से भाग लेने में अंतर होता है। नागा समझौते से पहले पूर्वोत्तर के राज्यों से पूरा सलाह मशविरा किया गया था।”