बकौल समुद्र, “हमारे गांव में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता समृद्धि का प्रतीक है।”
हालांकि कुरुनेगाला के ग्रामीण हाल ही में ग्रेटर कुरुनेगाला वाटर सप्लाई एंड सीवरेज परियोजना के शुरू होने के बाद राहत महसूस कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को स्वच्छ व पीने योग्य पानी मिलने की उम्मीद है।
चाइना मशीनरी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन (सीएमईसी) के अधीन पिछले साल शुरू की गई परियोजना कुरुनेगाला के उन हजारों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जो स्वच्छ पेयजल की बुनियादी जरूरत से लंबे समय से वंचित हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के बाद यहां डायरिया और किडनी संबंधी जलजनित बीमारियों से भी निजात मिलेगी।
समुद्र ने कहा, “यदि चीन प्रायोजित परियोजना पूरी हो जाती है तो यह हमारे लिए बड़ी राहत की बात होगी। हम इस परियोजना के लिए चीन के बहुत आभारी हैं।”
स्वच्छ पेयजल को लेकर हाल ही में राजधानी कोलंबो में आयोजित एक सम्मेलन में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा था कि देश में करीब 40,000 लोग किडनी संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं और हर साल करीब 1,000 मरीजों की इन बीमारियों के कारण मौत हो जाती है।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, किडनी संबंधी बीमारियों का प्रमुख कारण स्वच्छ पेयजल का अभाव है और यह बीमारी तेजी से देश में फैल रही है।
सिरिसेना ने श्रीलंका में जल एवं सीवरेज प्रणाली में सुधार सहित अन्य मानवीय परियोजनाओं के लिए यहां की सरकार को वित्तीय और तकनीकी सहायता मुहैया कराने को लेकर चीन के प्रति आभार जताया।
सम्मेलन में मौजूद श्रीलंका में चीन के राजदूत यी शियानलियांग ने कहा कि चीन ने लोगों का जीवन स्तर सुधारने, खासकर स्वच्छ पेयजलापूर्ति और अन्य सामुदायिक परियोजनाओं के लिए श्रीलंका की कोशिशों को हमेशा समर्थन दिया है।