लखनऊ, 7 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने नोएडा प्राधिकरण के निलंबित चीफ इंजीनियर यादव सिंह की काली कमाई मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस्तीफा देने की मांग की है। वाजपेयी ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) खारिज किए जाने के बाद अब मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
वाजपेयी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय ने आम देशवासियों का न्यायालय के प्रति विश्वास को और मजबूत किया है।
उन्होंने कहा, “सीबीआई जांच यादव सिंह के खिलाफ चल रही थी, यदि जांच रुकवाने के लिए न्यायालय की शरण में यादव सिंह खुद जाते तो किसी को आपत्ति नहीं होती, लेकिन जिस तरह जनता की गाढ़ी कमाई के रुपये लुटाकर सरकार ने यादव सिंह को बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील की उससे भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी को बचाने की उसकी मंशा की कलई खुल गई।”
डॉ. वाजपेयी ने सवाल किया कि आखिर किस रहस्य को उजागर होने से बचाने का प्रयास अखिलेश सरकार कर रही है। सीबीआई जांच की आंच में ऐसे कौन से लोगों की आने की संभावना है, जिनको बचाने के लिए अखिलेश सरकार ने अपनी पूरी साख दांव पर लगा दी। सरकार को इसके पीछे की मंशा जनता को बतानी चाहिए।
वाजपेयी ने यादव सिंह को लूट की छूट देने के लिए बसपा प्रमुख मायावती पर भी निशाना साधा और कहा कि प्रदेश की जनता की चिंता करने का ढोंग करने वाली मायावती इस समय चुप क्यों हैं?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने अखिलेश सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि अब अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है, उन्हें इस्तीफा देकर नया जनादेश लेना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय में राज्य सरकार की ओर से दाखिल की गई एसएलपी पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने अखिलेश सरकार की इस याचिका को खारिज कर दिया।
राज्य सरकार ने याचिका दायर कर काली कमाई से ‘धनकुबेर’ बने यादव सिंह प्रकरण की चल रही सीबीआई जांच को रोकने की मांग की थी। उप्र सरकार ने पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की तरह दलील दी थी कि यादव सिंह मामले में न्यायिक जांच जारी है, लिहाजा इसकी जांच सीबीआई से कराने का कोई औचित्य नहीं है। चौतरफा दबाव के बाद शिवराज सरकार ने व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच के लिए पहल करने को विवश हो गई।