नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर तीखा हमला किया। सोनिया ने उन्हें माहिर नाटकबाज करार दिया, तो राहुल ने जानना चाहा कि ललित मोदी की मदद के एवज में उन्हें कितने रुपये प्राप्त हुए थे।
सोनिया, सुषमा द्वारा गुरुवार को दिए गए उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की नहीं, बल्कि उनकी बीमार पत्नी की मदद की थी। सुषमा ने कहा था, “मेरी जगह सोनिया गांधी होतीं, तो वह क्या करतीं?”
सुषमा ने गुरुवार को लोकसभा में कहा था कि उन्होंने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए ब्रिटिश सरकार से सिफारिश नहीं की थी। उन्होंने इस संबंध में स्वयं पर लगे आरोपों को ‘गलत और बेबुनियाद’ बताया था।
सोनिया ने सुषमा के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “सुषमा स्वराज नाटक करने में माहिर हैं।”
दूसरी ओर राहुल ने कहा कि उनकी मां ने सुषमा स्वराज जैसा कुछ नहीं किया होता। उन्होंने सुषमा से सवाल किया कि ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज जारी कराने के बदले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के परिवार ने ललित मोदी से कितने रुपये प्राप्त किए थे।
उन्होंने कहा, “सुषमाजी ने एक चतुराईभरा लेकिन बहुत खोखला भाषण दिया। उन्होंने कहा कि सोनियाजी होतीं तो वह भी यही की होतीं। उनका पुत्र होने के नाते मैं कह सकता हूं कि सोनियाजी ललित मोदी की मदद नहीं की होतीं।”
राहुल ने कहा, “जब भी कोई चोरी होती है, तो चोर पूरी गोपनीयता बरतता है। इस मामले में सुषमा ने पूरी गोपनीयता बरती। मंत्रालय में सुषमा के अलावा दूसरा कोई इस निर्णय के बारे में नहीं जानता था।”
उन्होंने संसद के बाहर कहा, “जब भी लूट-खसोट या चोरी होती है, आर्थिक हस्तांतरण होता है। यहां भी आर्थिक हस्तांतरण हुआ है। सुषमा के परिवार ने ललित मोदी से रुपये स्वीकारे हैं। उन्हें देश को बताना चाहिए कि ललित मोदी ने खुद को जेल से बाहर रखने के लिए उनके परिवार को कितने रुपये दिए।”
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा 25 सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का शुक्रवार को चौथा दिन था।
सोनिया और राहुल ने विरोध प्रदर्शन में बहुत सक्रिय भागीदारी निभाई है। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को फिर नारेबाजी की और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से चुप्पी तोड़ने की मांग की।