यंगून, 7 अगस्त (आईएएनएस)। म्यांमार में बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए आपातकाल लगा दिया गया है। देश में बाढ़ के कारण जून से लेकर अब तक 88 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 3,30,000 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के अनुसार, म्यांमार के समाज कल्याण, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सर्वाधिक मौतें 55 पश्चिमी राखिने राज्य में हुई हैं।
इस विनाशकारी बाढ़ में 4,650 से ज्यादा मवेशी मारे गए। 10,956 मकान नष्ट हो गए और 85,400 लोग बेघर हुए। वहीं, 88,120 हेक्टेयर से अधिक खेती तबाह हो गई।
बाढ़ का पानी दक्षिण की ओर बढ़ना शुरू हो गया और इससे देश के पश्चिमी भाग के प्रभावित होने की आशंका है।
कृषि एवं सिंचाई मंत्रालय ने कहा कि देश के सभी बांधों पर नजर रखी जाएगी। 40 बांध अतिरिक्त पानी छोड़ रहे हैं।
म्यांमार के राष्ट्रपति यू थीन सीन ने रेडियो पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में जल्द से जल्द स्थिति सामान्य बनाने के इंतजाम कर लिए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को खेत जोतने में मदद करेगी और धान उगाने के लिए बीज मुहैया करेगी।
म्यांमार धान संघ ने गुरुवार को घरेलू उपयोग के मद्देनजर 15 सितंबर तक के लिए चावल का निर्यात रोकने का फैसला लिया है।