इस नक्शे में 15 हजार विभिन्न प्रकार की चीटियों के भौगोलिक ठिकानों को दर्शाया गया है।
एचकेयू के शोधकर्ताओं के अंतर्राष्ट्रीय दल को विभिन्न प्रजाति की चीटियों की भौगोलिक मौजूदगियों के अध्ययन के लिए दुनिया का पहला डेटाबेस तथा वेबसाइट बनाने में चार वर्षो का समय लगा।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह कार्य न सिर्फ दुनिया भर में पाई जाने वाली चीटियों की किस्मों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, बल्कि प्रजातियों के बारे में जानकारी बढ़ाने तथा भौगोलिक मैपिंग की तत्काल जरूरत का खुलासा करता है।
मैप के सह-संस्थापकों में से एक बेनॉएट ग्वेनार्ड ने संवाददाताओं से कहा, “जब हम जैव विविधता की बात करते हैं, तो हमें कीटों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “पारिस्थितिकी तंत्र में चीटियां बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे मिट्टी के पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण करती हैं और बीजों के प्रसार में मदद करती हैं। वे कीटों के सबसे बेहतरीन अध्ययन समूहों में से एक हैं।”