नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस ने गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तरफ से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के संबंध में दी गई सफाई को निर्थक करार दिया। सुषमा ने कहा था कि उन्होंने ललित को ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराने में इसलिए मदद की, क्योंकि उनकी पत्नी कैंसर से पीड़ित थीं।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस ने गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तरफ से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के संबंध में दी गई सफाई को निर्थक करार दिया। सुषमा ने कहा था कि उन्होंने ललित को ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराने में इसलिए मदद की, क्योंकि उनकी पत्नी कैंसर से पीड़ित थीं।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मीडिया को यहां बताया, “संसद में उनके बयान ने उनकी कलई खोल दी।”
शर्मा ने उन पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कानूनी एजेंसियों से वांछित व्यक्ति की मदद की उत्सुकता दिखाई।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनके पूर्व बयान के आधार पर लोकसभा में उनका बयान विरोधाभाषी लग रहा है।
उन्होंने कहा, “क्या एक मंत्री को यात्रा दस्तावेज गुप्त रूप से तैयार करना चाहिए या फिर इसकी व्यवस्था करनी चाहिए थी, जिसे ब्रिटिश सरकार ने पहले ही खारिज कर दिया?”
शर्मा ने कहा कि ललित की पत्नी की जान को कोई खतरा नहीं था और ललित ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज पाने के बाद विश्व यात्रा पर निकल पड़े।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह तब समझा जा सकता था कि अगर सुषमा ने ललित को भारतीय दस्तावेज जारी किया होता, क्योंकि वह भारतीय हैं और भारतीय रहेंगे।
उन्होंने कहा, “जब ब्रिटिश सरकार या अधिकारियों ने भारत सरकार से ललित को दस्तावेज देने के बारे में पूछताछ नहीं की तो फिर उन्होंने क्यों स्वेच्छा से हस्तक्षेप किया। इसके बाद यह कहना कि मैंने कोई सिफारिश नहीं की, हास्यास्पद है।”
शर्मा ने कहा, “हमारा रुख बेहद साफ है कि प्रधानमंत्री चुप रह कर शर्मिदगी से बच नहीं सकते। जवाबदेही का कोई दोहरा मानदंड नहीं हो सकता। मोदी सरकार और उनके मंत्रियों के लिए दो नियम पुस्तिका नहीं हो सकती।”
उन्होंने कहा, “इस पद पर हमारा कत्र्तव्य जवाबदेही तय करना है। प्रधानमंत्री और उनकी सरकार संसद में गतिरोध के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं।”
शर्मा ने कहा, “प्रधानमंत्री चुप रह कर इसमें साथ दे रहे हैं। वह अहंकार और कठोरता के काम को समर्थन दे रहे हैं, जिससे संसद में गतिरोध पैदा हुआ है।”