हरदा/भोपाल, 5 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में मंगलवार देर रात 15 मिनट के भीतर दो रेलगाड़ियां पटरी से उतरकर काली माचक नदी में गिर गईं। मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि दोनों हादसों में 27 यात्रियों की मौत हो गई लेकिन रेलवे के प्रवक्ता ने 12 मौतों की पुष्टि की है।
मुम्बई से वाराणसी जा रही कामायनी एक्सप्रेस भोपाल-खंडवा रेल खंड पर हरदा जिले के खिरकिया रेलवे स्टेशन से गुजरने के दौरान दुर्घटना का शिकार हो गई। इस रेलगाड़ी के कई डिब्बे काली माचक नदी के पुल पर से गुजरते समय पटरी से उतरकर नदी में गिर गए।
एक अन्य रेलगाड़ी जनता एक्सप्रेस के डिब्बे भी पटरी से उतरकर नदी में गिर गए। यह रेलगाड़ी पटना स्थित राजेंद्र नगर टर्मिनल से मुंबई जा रही थी। दोनों रेलगाड़ियों के कुल 21 डिब्बे नदी में गिरे।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने लोकसभा को बताया कि हादसे की जांच चल रही है। दोहरे रेल हादसे की वजह अत्यधिक बारिश के कारण आई बाढ़ हो सकती है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि बाढ़ की वजह से मिट्टी धसकने से पुल कमजोर हो गया हो और इसी वजह से यह हादसा हुआ हो। मध्य प्रदेश सरकार ने भी आशंका जताई है कि मिट्टी धसकने की वजह से यह हादसा हुआ है।
प्रभु ने कहा कि बचाव का काम जारी है। स्थानीय लोग भी इसमें मदद कर रहे हैं।
सरकार ने दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये तथा सामान्य रूप से घायल लोगों को 25,000 रुपये दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन हादसों पर गहरा शोक जताया है।
हादसे के गवाह बने लोगों ने रोंगटे खड़े कर देने वाली बातें बताई हैं। जनता एक्सप्रेस में सवार अजय कुमार ने कहा, “बहुत तेज झटका लगा। मैं अपनी बेटी के साथ किसी तरह डिब्बे से बाहर आ गया लेकिन मेरी पत्नी डिब्बे में ही फंस गई। धीरे-धीरे डिब्बे में पानी भर गया। मैंने अपनी पत्नी को अपनी आंखों के सामने मरते देखा।”
वाराणसी से खबर है कि रेल हादसे के बाद से ही अपनों का हाल जानने के लिए लोग रेलवे स्टेशन पर जमा हो गए। रेलवे पूछताछ केंद्र पर लोगों की भारी भीड़ लग गई।
अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी में उत्तर रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 05422503814, 05422504221, और 979485312 पर जानकारी ली जा सकती है। इसके अलावा मिर्जापुर में 85442-220095 तथा हरदा स्टेशन पर 09752460088 से भी जानकारी ली जा सकती है।