देहरादून-उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत के सेक्रटरी मोहम्मद शाहिद के स्टिंग की जांच भले आगे नहीं बढ़ी है, लेकिन इसे अंजाम देने वाले पत्रकार अशोक पांडेय सरकार के निशाने पर आ गए हैं। अशोक पांडेय का घर मंगलवार को मसूरी-देहरादून डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MDDA) ने तोड़ दिया। स्टिंग में आईएएस ऑफिसर शाहिद राज्य में शराब की बिक्री संबंधी नीतियों को बदलने के लिए रिश्वत की मांग करते दिखाई दिए।
बीजेपी के विरोध की वजह से उत्तराखंड प्रशासन ने शाहिद से सभी विभाग वापस ले लिए थे। शाहिद के पास एक्साइज, माइनॉरिटी अफेयर्स और ऐंटी-करप्शन विभाग थे। साथ ही, कार्मिक विभाग ने शाहिद को अपने पैरंट कैडर में रिपोर्ट करने का आदेश दिया था।
स्टिंग के बाद पांडेय अंडरग्राउंड हो गए और बीते सप्ताह ही देहरादून आए। सरकार के मुताबिक पांडेय का घर अनुमति के बिना और गलत नक्शे के हिसाब से बना है। MDDA ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा, ‘मकान मालिक को 2012 में भी इस बारे में सूचित किया गया था। मकान को तोड़ने का आदेश 10 जुलाई को जारी किया गया और नियमों के मुताबिक पांडेय को बताया भी गया था। मकान के अवैध हिस्से को पुलिस और संबंधित अधिकारियों के सामने तोड़ा गया।’
अशोक ने कहा था, ‘मुझे अपनी जान का डर है। यदि मुझे या मेरे परिवार को कुछ होता है तो सिर्फ जिम्मेदार सिर्फ सीएम हरीश रावत होंगे। मैं पत्रकार हूं और भ्रष्टाचार उजागर कर मैंने सिर्फ अपना काम किया है।’ पांडेय ने सीएम पर अधिकारियों को बचाने का आरोप भी लगाया।