ईटानगर, 5 अगस्त (आईएएनएस)। अरुणाचल प्रदेश के एक सरकारी अधिकारी और दो पायलटों के साथ लापता हुए हेलीकॉप्टर का सुराग दूसरे दिन बुधवार को भी नहीं चल पाया है। इस बीच खराब मौसम के कारण तलाशी अभियान में बाधित हुआ है।
पवन हंस हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड के स्वामित्व वाले डॉफिन वीटी-पीएचके हेलीकॉप्टर ने मंगलवार सुबह 10.30 बजे खोंसा से लांगडिंग के लिए उड़ान भरी थी। प्रस्थान के पांच मिनट बाद चाबुआ स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) का पायलट से अंतिम बार संपर्क हुआ था।
अरुणाचल प्रदेश के पुलिस प्रमुख एस.निथियानंदम ने आईएएनएस से कहा, “हम राज्य में खराब मौसम की वजह से हेलीकॉप्टर का पता नहीं लगा पा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हवाई तलाशी अभियान खराब मौसम और इलाके की दुर्गमता के कारण नहीं चलाया जा सकता। हालांकि तिरप में तलाशी और बचाव अभियान जारी है।”
निथियानंदम ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के दक्षिणी हिस्से तिरप में बचाव दल भारतीय वायुसेना, भारतीय सेना, पुलिस, अर्धसैनिक बल तलाशी अभियान पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने अधिकारियों से कहा है कि लापता हेलीकॉप्टर की तलाशी के काम में तेजी लाया जाए।
पवन हंस हेलीकॉप्टर के गायब होने के तत्काल बाद, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और पवन हंस के चार हेलीकाप्टरों ने लापता हेलीकाप्टर का पता लगाने के लिए हवाई तलाशी अभियान चलाया। लेकिन खराब मौसम की वजह से बाद में अभियान रोक देना पड़ा।
इसके पहले वर्ष 2011 में अरुणाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दोरजी खांडू और चार अन्य लोगों की उस समय मौत हो गई थी, जब उन्हें ले जा रहा पवन हंस हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इसके कुछ दिनों बाद तवांग में उतरते समय एक और हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 16 लोग मारे गए थे।
इन दुर्घटनाओं के बाद, राज्य में 2013 तक व्यावसायिक हेलीकाप्टर सेवाएं बंद कर दी गई थीं। लेकिन इसके बाद पवन हंस की सेवाएं अरुणाचल प्रदेश और अन्य क्षेत्रों में पुन: आरंभ की गईं।
पवन हंस हेलीकाप्टर सर्विसिस लिमिटेड (पीएचएचएल) 15 सालों से अधिक समय से अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में तथा गुवाहटी-तवांग के बीच दैनिक सेवाएं संचालित कर रही है।