यह बात सामने आने से संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का हाथ-पांव फूलने लगे हैं। आनन-फानन में अनियमितता को दुरुस्त करने की कवायद शुरू हो चुकी है।
ग्राम सभा कंचनपुर के सूची पर नजर डालें तो वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार यहां 1260 की जनसंख्या थी, जो 2015 में 1361 है, लेकिन सूची के अनुसार मतदाता की संख्या 1876 यानी 138 प्रतिशत है। जगदीशपुर में 2011 के अनुसार 1423 एवं 2015 में 1537 की जनसंख्या के सापेक्ष 1876 मतदाता हैं।
इसी तरह त्रिकालपुर में 2011 में 2330 व 2015 में 2516 की जनसंख्या में सापेक्ष 2951 मतदाता है। खानपुर में 2011 में 1788 व 2015 में 1931 की जनसंख्या के सापेक्ष 2125 मतदाता है। गायघाट में 2011 में 6371 व 2015 में 6881 के सापेक्ष 7529 मतदाता है। पचरूखा के आकड़े पर गौर करें तो 2011 के अनुसार 2263 व 2015 में 2444 के सापेक्ष 2666 मतदाता है।
रामपुर मसरीक में 2011 में 1158 व 2015 में 1251 के सापेक्ष 1302 मतदाता है। सूची में कई ऐसी भी ग्राम सभाएं हैं, जहां मत प्रतिशत 50 प्रतिशत से भी कम है। सूची में गड़बड़ी को ठीक करने के लिए जिला साक्षरता अधिकारी अतुल तिवारी के नेतृत्व में कवायद जारी है।
ब्लॉक के एक अधिकारी प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि नियमत: जनसंख्या के 65 प्रतिशत ही मतदाता होने चाहिए।
उन्होंने बताया कि बाहर रह रहे व्यक्तियों के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं, ताकि आंकड़ा 65 प्रतिशत से ज्यादा न रहे। अगर किसी ऐसे व्यक्ति का नाम गलती से कट जाएगा, जो यहां का निवासी हो, तो ऐसे लोगों के नाम साक्ष्य लेकर आठ अगस्त तक जोड़ा जाएगा।