नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा कि उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को ब्रिटिश अधिकारियों से यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराने में कोई मदद नहीं की।
सुषमा ने राज्यसभा में कहा कि वह पिछले दो सप्ताह से अपनी बात रखने का इंतजार कर रही हैं।
सुषमा ने सदन में हंगामे के बीच कहा, “मुझसे संबंधित मुद्दा दो सप्ताह से उठाया जा रहा है। मैंने सदन के नेता के माध्यम से सूचित किया था कि मैं चर्चा के लिए तैयार हूं। पिछले सात दिनों से मैं यहां इसलिए बैठ रही हूं कि चर्चा शुरू हो सके।”
सुषमा ने कहा, “लेकिन वे चर्चा शुरू नहीं करते, वे सिर्फ हंगामा करते हैं। वास्तव में स्थगन प्रस्ताव आधारहीन और झूठे तथ्यों पर आधारित है। मैंने कभी भी ब्रिटिश सरकार से ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज देने का अनुरोध नहीं किया।”
सुषमा का यह बयान मौजूदा मानसून सत्र के प्रथम दो सप्ताह कुछ मुद्दों को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ जाने के बाद आया है, जिसमें सुषमा द्वारा ललित मोदी की मदद और व्यापमं घोटाला के मुद्दे शामिल हैं।
इससे पहले, कांग्रेस के आंध्र प्रदेश के सांसदों ने राज्य विभाजन के बाद इसे विशेष दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाया।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है।
इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता नरेश अग्रवाल ने उस बयान पर विरोध दर्ज कराया, जिसमें कहा गया था कि संसद की कार्यवाही सुचारु रूप से न चलने पर सांसदों को वेतन नहीं दिया जाना चाहिए।
अग्रवाल ने कहा कि 2004 से शुरू हुई इस तरह की सभी घटनाओं पर चर्चा कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विपक्ष द्वारा खड़े किए जा रहे मुद्दे पर प्रधानमंत्री से जवाब की मांग की।
उन्होंने कहा, “सरकार के अहंकार के कारण सदन में गतिरोध जारी है, प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे रहे हैं। सदन की कार्यवाही तब तक चलने नहीं दी जा सकती, जब तक जवाबदेही और कार्रवाई के मसले पर प्रधानमंत्री खुद जवाब नहीं देते।”
राज्यसभा के उपसभापति पी.जे.कुरियन ने कहा कि प्रधानमंत्री तब तक हस्तक्षेप नहीं कर सकते, जब तक चर्चा नहीं कराई जाती।
उन्होंने कहा, “जब तक आप चर्चा शुरू नहीं करते, प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे सकते।”
ऊपरी सदन में सुषमा के बयान के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
प्रश्नकाल के दौरान भी समान दृश्य देखा गया, जिसके बाद सभापति एम.हामिद अंसारी ने कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ, कई स्थगनों के बाद भी कार्यवाही नहीं चल पाई है। सत्र 13 अगस्त तक जारी रहेगा।