मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार से प्रदेश में आपदा-पीड़ित किसानों के लिये 500 करोड़ के विशेष पैकेज की माँग की है। मध्यप्रदेश में ओले तथा बेमौसम बरसात से फसलों को हुए नुकसान की विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने किसानों को अधिकतम राहत पहुँचाने के लिये प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, कृषि मंत्री श्री शरद पवार, वित्त मंत्री श्री पी. चिदंबरम और गृह मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे को पत्र लिखा है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में 4 जनवरी से 17 मार्च, 2013 की अवधि में पाला, अतिवृष्टि तथा ओले का प्रकोप हुआ है। इससे 40 जिलों के 13 हजार 445 गाँव में 7 लाख 74 हजार 771 हेक्टेयर में फसलों का नुकसान हुआ है। साथ ही 29 लोगों की जान गई है और 200 पशु की हानि हुई है। इन सभी प्राकृतिक आपदाओं से प्रदेश में लगभग 2000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह आकलन अभी जारी है और नुकसान की राशि इससे ज्यादा पहुँच सकती है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि राज्य आपदा राहत-कोष में आपदा प्रभावित किसानों के लिये धनराशि उपलब्ध करवाई जाती है, लेकिन जितना बड़ा नुकसान हुआ है, उसको देखते हुए यह राशि कम पड़ जायेगी। लिहाजा, इस कोष में दी जाने वाली राशि के अलावा प्रदेश को 500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक फसल हानि की स्थिति में ही राहत दी जा सकती है और 25 से 50 प्रतिशत हानि वाले किसानों को कोई सहायता नहीं दी जाती। राज्य आपदा राहत-कोष में 25 से 50 प्रतिशत तक फसल हानि के मामलों में भी राहत का प्रावधान किया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल नुकसानी के मूल्य के संबंध में राज्य आपदा राहत-कोष के मापदण्ड किसी भी तरह व्यावहारिक नहीं हैं। अतः मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में फसल हानि के मापदण्डों में प्रचलित दरों पर लगभग 20 प्रतिशत वृद्धि की है, जो भारत सरकार के 15 प्रतिशत मापदण्ड से अधिक है। राहत के संबंध में भारत सरकार के मापदण्ड फसलों के वर्तमान मूल्य पर आधारित नहीं हैं। कृषि विभाग द्वारा किये गये अनुमान के अनुसार विभिन्न फसलों की उपज 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक है। भारत सरकार को भी अपने मापदण्डों का पुनरीक्षण कर इन्हें और व्यावहारिक बनाना चाहिये।