नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-2013 से जुड़े स्पॉट फिक्सिंग मामले में क्रिकेट खिलाड़ी शांताकुमारन श्रीसंत और 35 अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हालांकि कहा है कि श्रीसंत पर लगाया गया आजीवन प्रतिबंध का निर्णय वापस नहीं लिया जाएगा।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने तीनों खिलाड़ियों श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण के अलावा 33 अन्य आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया।
गौरतलब है कि सभी 36 आरोपी जमानत पर रिहा चल रहे थे।
दिल्ली पुलिस ने आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अलावा बेहद सख्त मकोका के तहत भी आरोप लगाए थे।
अदालत ने वकीलों, पत्रकारों और अन्य लोगों की भारी भीड़ के बीच अपना फैसला सुनाया।
अदालत ने जैसे ही सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया, श्रीसंत वहीं रो पड़े।
अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए श्रीसंत ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था में पूरा विश्वास था और पूरा भरोसा था कि इस मामले में वह छूट जाएंगे।
श्रीसंत ने इसे अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन कहा और क्रिकेट में वापसी की उम्मीद जताई।
हालांकि बीसीसीआई ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि स्वतंत्र अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत लिया गया बीसीसीआई का निर्णय नहीं बदलेगा।
बीसीसीआई ने कहा, “बीसीसीआई द्वारा की गई अनुशासनात्कम कार्रवाई या लिया गया निर्णय पूरी तरह स्वतंत्र है और उसमें कोई परिवर्तन नहीं होगा।”
गौरतलब है कि बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने सितंबर, 2013 में श्रीसंत और चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था।
आईपीएल के छठे संस्करण के दौरान सामने आई इस हिला देने वाली घटना के तहत दिल्ली पुलिस ने 16 मई 2013 को भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल चुके श्रीसंत सहित कई सटोरियों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने अदालत के सामने 6000 पन्ने का चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें 42 लोगों को आरोपी बनाया गया था। आरोपियों में अंडरवर्ल्ड सरगना दाउद इब्राहिम और उसका सहयोगी छोटा शकील भी शामिल थे।
दाउद और छोटा शकील फरार हैं और घोषित अपराधी हैं। पुलिस ने उनकी संपत्तियों की कुर्की भी कर ली है।
अदालत से दोषमुक्त किए जाने के बाद चंदीला ने कहा कि स्पॉट फिक्सिंग मामला सामने आने के बाद गुजरा समय उनके जीवन का सबसे खराब समय रहा। अदालत में मौजूद चंदीला के परिवार वालों और मित्रों ने खुशी जताई।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने आखिरी मिनट में एक याचिका दाखिल कर मामले में और जांच की इजाजत मांगी है। पुलिस ने अदालत से कहा कि हाल ही में पेश की गई लोढ़ा समिति की रिपोर्ट में कुछ और सबूत सामने आए हैं।
अदालत के फैसले पर भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने कहा है कि श्रीसंत की क्रिकेट में वापसी से बीसीसीआई को कोई परेशानी नहीं है।
वहीं केरल रणजी टीम के सीनियर कोच पी. बालाचंद्रन ने कहा है कि श्रीसंत की वापसी को खुले दिल से स्वीकार किया जाएगा।
बालाचंद्रन ने कहा, “मैं किसी तकनीकी पहलू पर नहीं बोल सकता, लेकिन बीसीसीआई जैसे ही श्रीसंत से प्रतिबंध हटा लेती है हम उनका खुले दिल से स्वागत करेंगे।”
दोषमुक्त दिए जाने की खबर मिलते ही श्रीसंत के परिवार वाले रो पड़े। अदालत से निकलते हुए उत्साह से लबरेज श्रीसंत ने कहा, “मैं फिर से क्रिकेट खेलना चाहता हूं और उम्मीद करता हूं कि बीसीसीआई मुझे इसकी इजाजत दे देगा। मैं काफी परेशानियों से गुजरा। मैं फिर से गेंदबाजी का इंतजार कर रहा था।”
श्रीसंत ने कहा, “सभी को धन्यवाद और मेरा यही उन सभी को जवाब है जो मेरा मजाक उड़ा रहे थे। सभी लोगों और मेरी पत्नी का आभार। मेरी बेटी मेरे जीवन में किसी फरिश्ते की तरह आई है। मैं फिर से क्रिकेट करियर शुरू करना चाहता हूं।”